मांगलिक आयोजन शुरुआत 23 नवंबर से : दांपत्य सूत्र में बंधने वालों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरेगा पूरा साल, शुभ मुहूर्त का है अभाव, व्रत की पूर्णिमा 26 को तो स्नान की 27 को
⚫ धन संक्रांति, मीन संक्रांति के साथ ही गुरु और शुक्र अटकाएंगे रोड़ा, लग्न के दिन काफी कम
⚫ सराफा, कपड़ा, मैरिज गार्डन, बैंड, कैटरिंग सहित इस व्यवसाय से जुड़े सभी के व्यापार पर होगा असर
⚫ इस साल केवल सात दिन मुहूर्त है विवाह के
⚫ नए साल के 7 महीने में केवल 16 दिन शादी के
हरमुद्दा
रतलाम, 22 नवंबर। गुरुवार को देव प्रबोधिनी एकादशी के साथ ही मांगलिक आयोजन की शुरुआत हो जाएगी। वैवाहिक आयोजनों का सिलसिला 27 नवंबर से शुरू होगा। खास बात यह है कि इस बार दाम्पत्य सूत्र में बंधने की उम्मीद रखने वालों के लिए यह साल अच्छा नहीं है। नए साल के 7 महीने में देव शयन तक केवल 16 दिन ही विवाह के हैं। वजह सिर्फ यही है कि इस बार विवाह के शुभ मुहूर्त का अकाल है। ऐसा इसलिए होगा कि गुरु और शुक्र अस्त होंगे। इसके अलावा धन संक्रांति और मीन संक्रांति भी रोड़ा अकटकाएँगे।
ज्योतिर्विद दुर्गाशंकर ओझा ने हरमुद्दा से चर्चा में बताया कि गुरुवार को देव प्रबोधिनी एकादशी देव दीपावली रहेगी। देवता उठ जाएंगे। इसके बाद मांगलिक आयोजनों का सिलसिला शुरू हो जाएगा। इस साल और अगले साल दांपत्य सूत्र में बंधने की अभिलाषा रखने वालों के लिए शुभ मुहूर्त की कमी है। इस साल जहां 7 दिन विवाह के श्रेष्ठ मुहूर्त है, वहीं नए साल में देवशयनी एकादशी तक केवल 16 दिन ही वैवाहिक आयोजन के रहेंगे।
नवंबर दिसंबर में केवल 7 दिन विवाह के
27 नवंबर से शहनाई की गूंज शुरू हो जाएगी। नवंबर में केवल तीन दिन मुहूर्त है 28 और 29 नवंबर। 29 नवंबर को भी दिन के लग्न रहेंगे। तत्पश्चात दिसंबर में 4 दिन वैवाहिक आयोजन के होंगे। 7, 8, 13 और 14 दिसंबर को विवाह के मुहूर्त हैं। 14 दिसंबर को दिन के लग्न रहेंगे। इसके बाद इस साल लग्न की कोई तारीख नहीं है।
जनवरी से जुलाई तक केवल 16 दिन विवाह के
नए साल 2024 में जनवरी के अंतिम दो दिन 30 एवं 31 जनवरी को विवाह के शुभ मुहूर्त हैं। फरवरी में 6, 12, 18, 19 और 26, मार्च में 4, 5, 6, 11, 12 और अप्रैल में 23 24, 28 तारीख को वैवाहिक आयोजन होंगे। तत्पश्चात देव प्रबोधिनी एकादशी 12 नवंबर 2024 तक लग्न की कोई तारीख नहीं है।
देव दीपावली गुरुवार को
ज्योतिर्विद पंडित ओझा ने बताया कि देव दीपावली, देव प्रबोधिनी एकादशी 23 नवंबर को है। बैकुंठ चतुर्दशी 25 नवंबर को होगी। व्रत की पूर्णिमा 26 नवंबर को तथा स्नान की पूर्णिमा 27 नवंबर को रहेगी। इसी दिन गुरु नानक जयंती भी मनाई जाएगी।
विवाह के शुभ मुहूर्त में कमी लाएंगे गुरु शुक्र
ज्योतिर्वित पंडित ओझा ने बताया कि 16 दिसंबर से धन संक्रांति शुरू हो जाएगी जो की 15 जनवरी तक रहेगी। इसके चलते वैवाहिक आयोजन पर प्रतिबंध रहेगा। 14 मार्च से 13 अप्रैल तक मिनार्क (मीन संक्रांति) होने के कारण शादी के शुभ मुहूर्त नहीं है। 28 अप्रैल को शुक्र का तारा अस्त होगा जिसका उदय 2 जुलाई को होगा। इसी बीच 8 मई को गुरु अस्त होगा जो कि 1 जून को उदय होगा। 2 जुलाई के बाद कोई मुहूर्त नहीं है और 17 जुलाई को देवशयनी एकादशी होगी। फिर 12 नवंबर को देव प्रबोधिनी एकादशी यानी कि देव दीपावली होगी। इस तरह देवताओं के उठने से सोने तक और फिर उठने तक केवल 23 दिन ही विवाह के हैं।
उनके व्यापार पर होगा असर
वैवाहिक आयोजनों के व्यापार व्यवसाय से जुड़े तमाम लोगों का कारोबार इस साल प्रभावित रहेगा। सराफा बाजार, मैरिज गार्डन, कैटरिंग, कपड़े, बैंड, ढोली, नाई, ब्यूटी पार्लर सहित सभी कारोबारी पर असर रहेगा।