साहित्य सरोकार : ‘सुनें सुनाएं’ का पंद्रहवां सोपान 3 दिसम्बर को
⚫ दस साथी अपनी प्रिय रचना पढ़ेंगे
हरमुद्दा
रतलाम, 29 नवंबर। शहर में रचनात्मक वातावरण बनाने के उद्देश्य से प्रारंभ किए गए ‘सुनें सुनाएं’ आयोजन का पंद्रहवां सोपान 3 दिसम्बर को होगा। 3 दिसम्बर, रविवार प्रातः 11 बजे जी.डी. अंकलेसरिया रोटरी हॉल प्रथम तल, रतलाम पर दस साथी अपनी प्रिय रचना का पाठ करेंगे।
इस आयोजन में नरेंद्र त्रिवेदी द्वारा डॉ. शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ की रचना ‘जिस- जिस से पथ पर स्नेह मिला’ का पाठ ,जी.एस. खींची द्वारा कृष्ण बिहारी ‘नूर’ का रचना ‘तमाम जिस्म ही घायल था’ का पाठ ,पं. मुस्तफा आरिफ द्वारा पीरुलाल ‘बादल’ की रचना ‘थारी छाणी-छाणी वात’ का पाठ , कैलाश वशिष्ठ द्वारा जुझार सिंह भाटी की रचना ‘ मुझको रिझाती है तेरी बिदियां’ का पाठ,अनीस खान द्वारा शकील आज़मी की रचना ‘ दर्द की रात है’ का पाठ,संजय शर्मा द्वारा डॉ. हरिवंश राय ‘बच्चन’ की रचना ‘अग्निपथ’ का पाठ, विक्रांत भट्ट द्वारा विष्णु खरे की रचना ‘तरमीम’ का पाठ ,सान्त्वना शुक्ला द्वारा डॉ. संजय ‘मधुप’ की रचना “दीप” का पाठ,ललित चौरड़िया द्वारा अज्ञात रचनाकार की रचना ‘अपनी कमियों को ‘ का पाठ, श्याम सुंदर भाटी द्वारा सुरेन्द्र शर्मा की रचना ‘ रै काडू आग्या रै’ का पाठ किया जाएगा।
उपस्थित होने का आग्रह
उल्लेखनीय है कि इस आयोजन में कोई भी व्यक्ति अपनी रचना का पाठ नहीं करता है। प्रस्तुतकर्ता अपने प्रिय रचनाकार की रचना का बिना किसी भूमिका के पाठ करता है। ‘सुनें सुनाएं’ ने शहर के सृजनशील साथियों से उपस्थिति का आग्रह किया है।