दीक्षा महोत्सव  : आत्म कल्याण उत्सव में परम पूज्य गणिवर्य कल्याणरत्न विजय जी म.सा. की निश्रा में सूरत निवासी मुमुक्ष रत्नविधि कुमारी की होगी बुधवार को दीक्षा

हनुमान रुंडी से निकला भव्य वर्षीदान वरघोड़ा

पुणे महाराष्ट्र से आए 20 सदस्यीय दल द्वारा किया जा रहा घंटनाद रास्ते भर गुंजा

बांसुरी और शहनाई की धुन घोल रही थी मधुर स्वर लहरिया

इच्छाओं को समाप्त करना ही है दीक्षा : गणिवर्य कल्याणरत्न विजय जी म.सा.

हरमुद्दा
रतलाम, 5 दिसंबर। हनुमान रुंडी पर चल रहे आत्म कल्याण उत्सव में परम पूज्य गणिवर्य कल्याणरत्न विजय जी म.सा. की निश्रा में सूरत निवासी मुमुक्ष रत्नविधि कुमारी का दीक्षा महोत्सव चल रहा है। मंगलवार को भव्य वर्षीदान वरघोड़ा धूमधाम के साथ निकाला गया। रास्ते में कई स्थानों पर आकर्षक रंगोली की सजाई गई। धर्म सभा में गणिवर्य कल्याणरत्न विजय जी म.सा. ने कहा इच्छाओं को समाप्त करना ही दीक्षा है।

समाजसेवी एवं धर्मनिष्ठ हिम्मत गेलड़ा ने हरमुद्दा को बताया कि मंगलवार को सुबह दीक्षा महोत्सव में प्रातः 9:30 बजे हनुमान रुंडी से भव्य वर्षीदान वरघोड़ा प्रारंभ हुआ। सबसे आगे बांसुरी वादक एवं शहनाई वादक चल रहे थे। उसके पीछे इंद्र ध्वजा फहरा रही थी। सुसज्जित हाथी एवं पांच घोड़े व ऊंट पर धर्म पताका लेकर समाज के युवजन चल रहे थे।

भक्त लग रहे थे नारे “गुरुजी अमारो अंतर्नाद अमने आपो आशीर्वाद”

सुसज्जित बग्घियों में परम पूज्य गच्छाधिपति रामचंद्र सुरिश्वर जी म. सा. एवं पूज्य आचार्य भगवंत तपोरत्न सुरीश्वर जी म.सा. की तस्वीर शोभायमान थी। पुणे महाराष्ट्र से आए 20 सदस्यीय दल द्वारा किया जा रहा घंटनाद रास्ते भर गुंजायमान हो रहा था। जो जुलूस में आकर्षण का केंद्र बना। जुलूस में भक्त जनों द्वारा “गुरुजी अमारो अंतर्नाद अमने आपो आशीर्वाद” के नारे लगते रहे।

दीक्षार्थी बहन कर रही थी अपने दोनों हाथों से वर्षीदान

चौराहे चौराहे पर युवाजन भाव विभोर होकर नृत्य करते रहे। जगह-जगह समाजजन द्वारा प्रभु एवं गुरु भगवंत की गवली की गई दीक्षार्थी रत्नविधि कुमारी अपने दोनों हाथों से वर्षीदान कर रही थी। नासिक से बुलाए गए ढोल का दस सदस्यीय दल भी विशेष आकर्षण का केंद्र रहा।

विभिन्न मार्गो से निकला जुलूस हुआ धर्म सभा में परिवर्तित

जुलूस हनुमान रुंडी, चांदनी चौक, बजाजखाना, गणेश देवरी, रानीजी का मंदिर, नाहरपुरा, डालूमोदी बाजार, दौलत गंज, घासबाजार, चौमुखीपुल होते हुए पुनः हनुमान रुंडी पहुंचकर धर्म सभा में परिवर्तित हुआ।

सभी प्रकार की इच्छाओं को समाप्त करना ही दीक्षा

जहां पर परम पूज्य गणिवर्य कल्याणरत्न विजय जी म. सा. ने हित शिक्षा देते हुए कहा कि सभी तरह की इच्छाओं को समाप्त करने को ही दीक्षा कहते हैं। बड़ी मुश्किल से प्राप्त मनुष्य भव में विरती के मार्ग पर आगे बढ़ने से ही मोक्ष मार्ग को प्राप्त किया जा सकता है।

मुद्रिका से किया बहुमान

इस अवसर पर आराधना भवन ट्रस्ट बोर्ड के अध्यक्ष अशोक लुनिया, उपाध्यक्ष पप्पू मुंबई वाला, सचिव हिम्मत गेलड़ा, सहसचिव राजेश गांधी एवं ट्रस्टी विजय मेहता द्वारा दीक्षार्थी रत्नविधि कुमारी का आराधना भवन ट्रस्ट मंडल श्रीसंघ की ओर से अभिनंदन पत्र व शाल, श्रीफल, रजत मुद्रिका से बहुमान किया गया। आराधना भवन सेवा समिति की ओर से संरक्षक मुकेश गांधी, अध्यक्ष जयंतीलाल कटारिया, सचिव नरेंद्र घी वाला, सुनील पारख, अभय सुराणा, सुजान रांका आदि द्वारा भी बहुमान किया गया।

बुधवार को सुबह होगी दीक्षा

धर्मनिष्ठ श्री गेलड़ा ने बताया 6 दिसंबर को प्रातः 7:15 से हनुमान रुंडी पर दीक्षा विधि प्रारंभ होगी। दीक्षा महोत्सव में प्रवचन परिवार के देश भर से भक्तजन रतलाम आकर धर्म लाभ प्राप्त कर रहे हैं।

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