स्कूल लीडर्स की क्लास : वो सबसे पीछे बैठकर खामोशी से प्रभावी शिक्षण प्रक्रियाओं को न सिर्फ अवलोकन करते है बल्कि सकारात्मक फीडबैक भी देते शिक्षकों को
⚫ लोक शिक्षण संचानालय द्वारा कक्षा वाक थ्रू में अभिनव पहल के लिए प्रेरक प्रयासों में स्थान दिया उप प्राचार्य गजेंद्र सिंह राठौर को
⚫ व्यवसायिक विकास में कक्षा वाक थ्रू की महत्वपूर्ण भूमिका
⚫ निरीक्षण की बजाय बेहतर से बेहतरीन तक का सफर है वॉकथ्रू
⚫ सीखने-सीखाने की साझा संस्कृति का विकास
हरमुद्दा
रतलाम, 11 जनवरी। शिक्षक कक्षा में उत्साह से पढ़ा रहे हैं ,विद्यार्थी सवालों के जवाब दे रहे हैं,सभी पढ़ने-पढ़ाने की प्रक्रिया में शामिल प्रतीत होते है सिवाय एक के। जबकि वो सबसे पीछे बैठकर खामोशी से प्रभावी शिक्षण प्रक्रियाओं को न सिर्फ अवलोकन करते है बल्कि विश्लेषण उपरांत सकारात्मक फीडबैक भी शिक्षको को प्रदान करते हैं।
जी हां, सी एम राइज विनोबा रतलाम में स्कूल लीडर्स क्लास वाक थ्रू के माध्यम से इसी तरह अध्ययन-अध्यापन में शामिल होते हैं।
प्रेरक प्रयास के रूप में हुए चिह्नित
सी एम राइज विनोबा रतलाम के उप प्राचार्य गजेंद्र सिंह राठौर को लोक शिक्षण संचानालय द्वारा कक्षा वाक थ्रू में अभिनव पहल के लिए प्रेरक प्रयासों में स्थान दिया है। प्राचार्य संध्या वोरा ने हरमुद्दा को बताया कि सी एम राइज विद्यालय में शिक्षको के व्यवसायिक विकास में कक्षा वाक थ्रू की महत्वपूर्ण भूमिका है। एक स्कूल लीडर और कोच के रूप में उन्नयन के प्रयास लगातार जारी है, उप प्राचार्य राठौर के प्रेरक प्रयास उसी को दर्शाता है।
कैसे किया प्रेरक प्रयास
विद्यालय की कक्षाओं में हो रहे विभिन्न नवाचारों, ट्रेंड्स और बेस्ट प्रैक्टिसेज को साझा करने के उद्देश्य से उप प्राचार्य राठौर ने विभिन्न कक्षाओ में हो रहे नवाचारों को चिह्नित कर एक-दूसरे को अवगत कराया। वाक थ्रू में निरीक्षण की बजाय बेहतर से बेहतरीन तक के सफर को मिलकर तय करना उद्देश्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने बताया कि टीचर्स ऑफ द मन्थ, टीचर्स कॉर्नर आदि के द्वारा शिक्षको को सम्मानित कर उनके शैक्षिक उन्नयन के कार्यो को संस्था द्वारा मान्यता दी जाती है। सुधार के क्षेत्रों पर व्यक्तिगत चर्चा होती है। जिसमें सीखने-सीखाने की साझा संस्कृति का विकास होता है।
शिक्षकों का बढ़ाते हैं मनोबल
राज्य स्तरीय प्रेरक प्रयासों में शामिल प्रभावी कक्षा वाक थ्रू
एक स्कूल लीडर के रूप में शिक्षकों के मनोबल को बढ़ाने के साथ-साथ उन्हें एक कोच के रूप में उन्हें विभिन्न नवीनतम और प्रभावी शिक्षण तकनीकों से परिचित करवा रहे हैं। इसे विमर्श पोर्टल पर प्रेरक प्रयास के अंतर्गत स्थान दिया गया है।
दिनचर्या में करते हैं शामिल तो हो जाते प्रभावी
कक्षाओ में कोल्ड कॉलिंग, थिंक पेयर शेयर,क्लास अराउंड, प्रभावी गृह कार्य के लिए होम वर्क डायरी संधारण, टी एल एम, योजना अनुसार टीचिंग,कक्षाओ में सीखने का आंकलन इन प्रक्रियाओं में आता है। शिक्षक जब इन्हें सहज रूप से दिनचर्या में शामिल कर लेते है तो ये प्रभावी हो जाते हैं।
संवर रहा छात्रों का भविष्य
नगर का एकमात्र कक्षा 1 से 12 तक का सरकारी अंग्रेजी और हिन्दी दोनों माध्यमो में संचालित विनोबा स्कूल एक ऐसा अध्ययन केंद्र बन गया है, जहां दक्ष चयनित स्टाफ छात्रों का भविष्य संवार रहा है। यहां दोनों माध्यमो में पढ़ाने के लिए उच्च शिक्षित परीक्षा उत्तीर्ण स्टाफ, सिक्युरिटी, स्वच्छता के मापदंड इसे प्रायवेट स्कूलों से आगे ले जा रहें हैं।