धर्म संस्कृति : अच्छे कर्मों से समाज में सदैव चिर स्मरणीय होते हैं कुछ लोग
⚫ अंतरराष्ट्रीय वक्ता आचार्य सत्यव्रत शास्त्री ने कहा
⚫ ग्राम नारेली सकल पंच द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत सप्ताह समापन
⚫ हजारों श्रद्धालुओं ने बैठकर ग्रहण की भोजन प्रसादी
हरमुद्दा
उज्जैन 15 जनवरी। श्रीमद् भागवत कथा का मूलमंत्र सदाचार है। जो इसे अपना लेता है, समाज उसे सम्मानित करता है। ऐसे व्यक्ति से भगवन भी प्रेम करते हैं। समाज में कुछ लोग ही अच्छे कर्मों द्वारा सदैव चिर स्मरणीय होते है। इतिहास इसका साक्षी है।
यह विचार अंतरराष्ट्रीय वक्ता आचार्य सत्यव्रत शास्त्री ने व्यक्त किए। आचार्य शास्त्री जिले की खाचरोद तहसील में सकल पंच ग्राम नारेली द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत सप्ताह का समापन अवसर पर हजारों श्रद्धालुओं को संबोधित कर रहे थे।
भजनों ने किया मंत्र मुग्ध, श्रोता नाच उठे
सकल पंच ग्राम नारेली द्वारा 8 जनवरी से श्रीमद् भागवत सप्ताह का आयोजन किया जा रहा था, जिसका समापन रविवार को हुआ। श्रीमद् भागवत सप्ताह का रसपान करने के लिए आसपास के दर्जनों गांव के हजारों श्रद्धालु मौजूद रहे। गौ एवं गौशाला उत्थान संघ के प्रदेश संगठन मंत्री डॉ. महेशानंद शास्त्री ने भजनों की प्रस्तुति दी। जिस पर श्रोताजन मंत्र मुक्त होकर नृत्य करने लगे। कथा में बड़ी संख्या में महिला-पुरुषों भक्तों ने धर्म लाभ का आनंद उठाया।
जो काम प्रेम से संभव है, वह हिंसा से नहीं
आचार्य शास्त्री ने सुंदर समाज निर्माण के लिए गीता के कई उपदेश के माध्यम से उसके अनुरूप आचरण करने को कहा। जो काम प्रेम के माध्यम से संभव है, वह हिंसा से संभव नहीं हो सकता है। समापन अवसर पर सकल पंच द्वारा आचार्य शास्त्री का अभिनंदन किया गया।
बैठकर ग्रहण की हजारों लोगों ने भोजन प्रसादी
कथा के पश्चात आरती की गई। इस अवसर पर आसपास के गांव के हजारों लोगों ने बैठकर भोजन प्रसादी ग्रहण की। सकल पंच ने सभी सहयोगियों के प्रति आभार व्यक्त किया।