सामाजिक सरोकार :आद्रभूमि को बचाने और उसकी महत्ता को लोगों तक पहुँचाने के लिए मनाया जाता विश्व नमभूमि दिवस
⚫ मानव अधिकार एवं अपराध नियंत्रण परिषद के प्रदेश असिटेंड डायरेक्टर कृष्ण लाल शर्मा ने कहा
⚫ भारत का सबसे बड़ा रामसर स्थल पश्चिम बंगाल में सुंदरवन
⚫ मध्यप्रदेश में 04 रामसर स्थल
⚫ विद्यार्थियों ने बनाए आकर्षक चित्र
हरमुद्दा
रतलाम, 2 फरवरी। विश्व नमभूमि दिवस के रूप में 2फरवरी 1971 को रामसर ईरान में वेटलैंड कन्वेंशन की शुरुआत हुई थी। प्राकृतिक स्रोतों की खराब स्थितियों को देखते हुए यह दिन आद्रभूमि को बचाने और उसकी महत्ता को लोगों तक पहुँचाने के लिए मनाया जाता है।
यह बात ईको क्लब के जिला नोडल अधिकारी और मानव अधिकार एवं अपराध नियंत्रण परिषद के प्रदेश असिटेंड डायरेक्टर कृष्ण लाल शर्मा ने कही। श्री शर्मा शुक्रवार को विश्व नमभूमि दिवस के अवसर पर शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय हतनारा (रतलाम)में विद्यार्थियों को संबोधित कर रहे थे।
सबसे बड़ा रामसर स्थल पश्चिम बंगाल में
श्री शर्मा ने बताया कि जुलाई 2023 तक भारत में 75 रामसर स्थल है। भारत का सबसे बड़ा रामसर स्थल पश्चिम बंगाल में सुंदरवन रामसर साइट है और मध्यप्रदेश में 04 रामसर भोपाल में एक इंदौर में दो व शिवपुरी में एक रामसर साइट है। इस अवसर पर मोहन लाल पाटीदार व मनोज शर्मा ने भी नमभूमि व पर्यावरण से सम्बंधित जानकारी दी।
विद्यार्थियों ने बनाए आकर्षक चित्र
कार्यक्रम के दौरान हायर सेकंडरी की छात्राओं ने नमभूमि व पर्यावरण से सम्बंधित आकर्षक चित्र भी बनाए। इस अवसर पर संस्था शिक्षक एमएल पाटीदार, सुरेश पारगी, झेमेंद्र चौहान, अजहर कुरेशी, मनोज शर्मा एवं सुनीता मईड़ा उपस्थित थी।