हत्या से आक्रोश : आखिरकार बुजुर्ग गवाह हार गए जिंदगी की जंग, गवाह देने के एक दिन पहले एक दर्जन ने किया था हमला

बुजुर्ग शरीर पर हुए थे 100 से अधिक फ्रैक्चर

11 वें दिन उपचार के दौरान हो गई मौत

आक्रोशित लोगों ने आरोपियों के घर तोड़ने की मांग में किया प्रदर्शन

तेजा दशमी पर 2022 में बेटे और जुलूस पर किया था हमला, जिसके गवाह थे बुजुर्ग

हरमुद्दा
रतलाम, 3 फरवरी। गवाही के 1 दिन पहले बुजुर्ग पर एक दर्जन महिला पुरुषों ने हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया था 11 दिन तक जिंदगी से जंग लड़ते हुए आखिरकार शनिवार को दम तोड़ दिया इससे आक्रोश फैल गया। प्रदर्शन कर रहे परिजनों की मांग थी कि आरोपियों के घर तोड़े जाएं उन पर सख्त कार्रवाई की जाए। पुलिस अधीक्षक ने कार्रवाई का आश्वासन दिया जिसके बाद धरना प्रदर्शन समाप्त हुआ।

मृतक नाथूलाल चौधरी

जिले के पिपलोदा तहसील के गांव कंचन खेड़ी में अगस्त 2022 में तेजा दशमी पर जुलूस निकल रहा था जिसमें नाथूलाल चौधरी के पुत्र धर्मेंद्र और जुलूस पर हमला किया गया था। पुलिस ने प्रकरण दर्ज कार्यालय में पेश किया था। इसके गवाह नाथूलाल चौधरी (77) थे।

तेजा दशमी के दिन 2022 में हुआ था जुलूस पर हमला

भतीजे जितेंद्र चौधरी ने बताया कि 25 जनवरी 2024 को काकाजी नाथू लाल चौधरी की गवाही होने वाली थी। इसके ठीक 1 दिन पहले करीब आठ पुरुष और चार महिलाओं ने खेत पर जाने के दौरान उन पर हमला किया, जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हुए। उपचार के लिए मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया, उन्हें करीब 100 से अधिक फैक्चर भी हुए। 11 दिन तक उपचार हुआ लेकिन वह मौत से जीत नहीं पाए और जिंदगी की जंग हार गए। इससे परिजन आक्रोशित हुए और उन्होंने पहले मेडिकल कॉलेज में प्रदर्शन किया। आक्रोशित लोगों का कहना था कि करीब आठ पुरुष और चार महिलाओं ने हमला किया था लेकिन पुलिस ने केवल पुरुषों के खिलाफ की रिपोर्ट दर्ज की। 11 दिन के बाद भी सभी आरोपियों को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पाई।

सूचना मिलते ही पहुंची पुलिस

जावरा एसडीओपी शक्ति सिंह चौहान, पिपलोदा थाना प्रभारी विक्रम सिंह, औद्योगिक क्षेत्र थाना प्रभारी राजेंद्र वर्मा मेडिकल कॉलेज पहुंचे तथा मृतक के स्वजन अन्य लोगों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन वे नहीं माने। आक्रोशित लोगों की मांग थी कि आरोपियों के घर तोड़े जाए। उन पर कार्रवाई की जाए। दिनभर इसी बात की गहमागहमी रही। बाद एसपी ऑफिस भी पहुंचे। वहां पर भी उनकी मांग थी कि जब तक कार्रवाई नहीं होती। अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। पुलिस अधीक्षक राहुल कुमार लोढ़ा के आश्वासन के बाद माने।

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