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धर्म संस्कृति : दादी जी से मां का सच्चा प्यार, नि:स्वार्थ ईश्वरीय स्नेह का होता सभी को अनुभव, भारतीय संस्कृति एवं राजयोग का संदेश फैलाया विश्व में

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इंदौर से आई ब्रह्माकुमारी अनिता दीदी ने कहा

डोंगरे नगर स्थित दिव्य दर्शन भवन सेवा केंद्र पर आयोजन

राजयोगिनी दादी जानकी जी का मनाया चतुर्थ पुण्य स्मृति दिवस

हरमुद्दा
रतलाम, 27 मार्च। राजयोगिनी दादी जानकी जी आध्यात्मिक जगत में प्रकाशित एक अद्वितीय सितारा है संपूर्ण विश्व में आध्यात्मिक क्रांति लाने वाली विशेष आत्मा थी दादी जानकी। दादी जी के संपर्क में आने वाली हरेक आत्मा चाहे वो छोटा हो या बड़ा, किसी भी धर्म का हो, या किसी भी मान्यता वाला हो, लेकिन दादी जी से मां का सच्चा प्यार, नि:स्वार्थ ईश्वरीय स्नेह का सभी को अनुभव होता था। दुनिया भर के 140 देश में फैल प्रजापिता ब्रह्माकुमारी  ईश्वरीय विश्व विद्यालय की पूर्व मुख्य प्रशासिका दादी जानकी का जीवन आध्यात्म का प्रेरणा पुंज है। विश्व की सबसे स्थिर मन की महिला का वर्ल्ड रिकॉर्ड भी दादी जी के नाम है।

यह विचार इंदौर से आई ब्रह्माकुमारी अनिता दीदी ने डोंगरे नगर स्थित दिव्य दर्शन भवन सेवा केंद्र पर आयोजित कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारीज की पूर्व  मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी जानकी जी के चतुर्थ पुण्य स्मृति दिवस “वैश्विक आध्यात्मिक जागृति दिवस” के रूप में मनाया गया।

विश्व वंदनीय बन गई दादी

उन्होंने कहा कि ब्रह्माकुमारीज विश्व की एकमात्र ऐसी संस्था है जो नारी शक्ति द्वारा संचालित है। 104 वर्ष की विशाल आयु संपन्न करते हुए दादी जी संपूर्ण विश्व को मातृत्व के रूप में पालना देते हुए विश्व वंदनीय दादी मां बन गई।

दादी जी को किए श्रद्धा सुमन अर्पित

इस कार्यक्रम में प्रदेश कार्य समिति सदस्य एवं लोकसभा चुनाव प्रभारी बहन अनिता कटारिया, गढ़ कैलाश मंदिर के अध्यक्ष भ्राता सतीश राठौड़, बहन मीना टाक, सेवाकेंद्र संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी, बहन ममता सोलंकी ,  ब्रह्माकुमारी गीता दीदी, समाज सेवी राजेंद्र पोरवाल द्वारा दादी जी को श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया।

दादी जी का जीवन महिला सशक्तिकरण की अनूठी मिसाल

बहन कटारिया ने कहा कि दादी जी का जीवन महिला सशक्तिकरण की अनूठी मिसाल है। एक आध्यात्मिक नेता के रूप में विश्व विख्यात रहे। दादी जी की मौजूदगी लाखों लोगों की जिंदगी में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती थी तथा दादी जी के संपर्क में आए हुए लोग उन्हें देखकर सुनकर मिलकर प्रभावित होते और आज  दादी जी पूरे विश्व के लिए प्रेरणास्रोत बन गई।

उनका एक-एक वाक्य बन गया महावाक्य

ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने कहा कि दादी जी का जीवन साक्षात योगी जीती जागती मिसाल है। उन्होंने राजयोग के अभ्यास से खुद को इतना परिपक्व, शक्तिशाली, महान और आदर्शवान बनाया कि उनका एक-एक वाक्य महावाक्य बन गया। सभ्यता, स्वच्छता, सरलता व धैर्यता जैसे अनेक दिव्य गुणों की प्रतिमूर्ति थी। दादी जी अपना संपूर्ण जीवन विश्व कल्याण के कार्य में व सर्व आत्माओं के लिए समर्पित करने वाली महान त्यागी व तपस्वी मूर्त रहीं। दादी जी को कई राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय अवार्ड से भी नवाजा गया। भारतीय संस्कृति का विदेश में बीजारोपण  भी किया, साथ ही स्वच्छ भारत मिशन की ब्रांड एंबेसडर भी रही। दादी जी ने अकेले ही 140 देशों में राजयोग का संदेश पहुंचाया। अन्त में सभी भाई बहनों द्वारा भी श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए।

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