कला सरोकार : रंगकर्म के गुर सीख रहे हैं बाल कलाकार

युगबोध के ग्रीष्मकालीन बालनाट्य शिविर में दक्ष हो रहे हैं बच्चे

समापन पर होगा नाटक का मंचन

हरमुद्दा
रतलाम, 16 मई। बाल कलाकारों में रंगकर्म की चेतना जागृत करने और उनकी रचनात्मकता को बढ़ाने के उद्देश्य से युगबोध नाटक संस्था द्वारा ग्रीष्मकालीन बाल नाट्य शिविर का आयोजन किया जा रहा है । प्रतिदिन प्रातः 9 से 11:00 बजे तक माणक चौक हायर सेकेंडरी स्कूल पर नन्हें बच्चों को रंग कर्म से संबंधित प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है।


युगबोध के अध्यक्ष ओमप्रकाश मिश्रा ने हरमुद्दा को बताया कि युगबोध द्वारा वर्ष 2009 से प्रतिवर्ष 6 से 14 वर्ष के बच्चों के लिए निःशुल्क ग्रीष्मकालीन बालनाट्य शिविर का आयोजन किया जा रहा है । कोरोना काल को छोड़कर प्रतिवर्ष यह शिविर आयोजित किया जाता रहा है। इस वर्ष शिविर में 20 से अधिक बच्चों को रंगकर्म की बारीकियों से अवगत कराया जा रहा है। अभिनय क्षमता, कला कौशल, मंच प्रस्तुतिकरण एवं संवाद अदायगी से संबंधित विभिन्न कलाओं को शिविर में बताया जा कर बच्चों को प्रशिक्षित किया जा रहा है।

आशीष दशोत्तर  द्वारा लिखित नाटक हो रहे हैं तैयार

नाट्य शिविर के दौरान आशीष दशोत्तर द्वारा लिखित दो नाटक तैयार किया जा रहे हैं।  मोबाइल की बढ़ती आदत को केंद्रित रखकर लिखा गया नाटक ‘मुन्ना मोबाइल’ तथा समारोह एवं उत्सव में अन्न की बर्बादी तथा आवश्यकता से अधिक सामग्री परोसने पर केंद्रित नाटक ‘समझो मेरे यार’ प्रशिक्षण के दौरान तैयार किया जा रहे हैं । प्रशिक्षण शिविर के समापन पर इन नाटकों का मंचन किया जाएगा । श्री मिश्रा ने बताया कि बाल कलाकारों को प्रोत्साहित करने के लिए शहर के सुधिजनों, साहित्यकारों, रंगकर्मियों का स्नेह भी प्राप्त हो रहा है।

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