वेब पोर्टल हरमुद्दा डॉट कॉम में समाचार भेजने के लिए हमें harmudda@gmail.com पर ईमेल करे धर्म संस्कृति : दीक्षार्थी संयम ने वर्षीदान यात्रा में मुक्तहस्त से लुटाया सांसारिक वैभव -

धर्म संस्कृति : दीक्षार्थी संयम ने वर्षीदान यात्रा में मुक्तहस्त से लुटाया सांसारिक वैभव

1 min read

बुधवार को आचार्य श्री बंधु बेलड़ी प्रशिष्यरत्न के हाथों से लेंगे परमानंदी प्रव्रज्या

भव्य समारंभ के साक्षी बनने के लिए देशभर से आए समाजजन

आगमोदधारक नगरी में दीनदयाल नगर में लगा मेला

शहर की सड़कों पर बदनावर के संगम बैंड ने सुरीली धुन से मनमोहा

विराट ट्राले में विराजे विराटकाय प्रथम तीर्थंकर

सुवाक्य गाड़ी, धुप गाड़ी, नासिक ढोल, शहनाई दल, धारावाटी आदि भी यात्रा के बने  आकर्षण

उत्साह और उमंग का अद्भुत नजारा

हरमुद्दा के लिए नीलेश सोनी
रतलाम, 11 जून। रतलाम में युवा मुमुक्षु संयम पालरेचा के 12 जून को आयोजित दीक्षा महोत्सव पर मंगलवार को ऐतिहासिक वर्षीदान यात्रा निकली । जिसमे दीक्षार्थी ने सांसारिक वैभव की वस्तुएं मुक्तहस्त से लुटाई । बुधवार को वे आचार्य श्री बंधु बेलड़ी प्रशिष्यरत्न गणिवर्य श्री पदम-आनंदचन्द्रसागर जी म.सा. के करकमलों से परमानंदी प्रव्रज्या ग्रहण कर संयम जीवन के पथ पर अग्रसर होंगे । इस भव्य समारंभ के साक्षी बनने के लिए देशभर से आए समाजजनों का आगमोदधारक नगरी में दीनदयाल नगर में मेला लगा है।

वर्षीदान यात्रा की चित्रमयी झलकियां

संत समुदाय के साथ धर्मालु
मुमुक्षु संयम के माता-पिता कविता प्रवीण पालरेचा

विराट ट्राले में विराजे विराटकाय प्रथम तीर्थंकर

मंगलवार सुबह मुमुक्षु संयम भाई की भव्याति भव्य वर्षीदान यात्रा गुरु भगवंत की निश्रा में श्री सुविधिनाथ जी मन्दिर के पास धानमंडी से प्रारम्भ हुई । यात्रा में हाथी, घोड़े, ऊंट के साथ सबसे आगे इंद्र ध्वजा,उसके पीछे धर्म-ध्वजाएं लिए पांच अश्वरोही चल रहे थे ।

इंद्र ध्वज लिए हुए चलते रथ

विशालकाय गज, प्रथम तीर्थंकर दादा आदिनाथ की विराट प्रतिमा एवं बंधु बेलड़ी आचार्य देव श्री जिनचन्द्रसागरसूरिजी म.सा. की प्रतिमा की विराट ट्राले में संगीत यंत्रो की रतलाम में तैयार देव गुरु रथ झांकी को सभी ने निहारा । इस भव्य झांकी के साथ धार्मोतेजक महिला मंडल, काटजू नगर सामायिक मंडल, मरूदेवा मंडल, आदर्श बहु मंडल एवं खरतरगच्छ महिला मंडल की सदस्याएं पिंक, केसरिया, जामुनी और पीले रंग के एक से परिधान में हाथों में गुरु भगवंतों के चित्र और दीक्षा उपकरण की प्रतिकृति लिए जयकारे लगाते हुए चल रही थी। इसी के साथ तीन सुवाक्य गाड़ी, धुप गाड़ी, नासिक ढोल, शहनाई दल, धारावाटी आदि भी यात्रा के आकर्षण रहे । 

उत्साह और उमंग का अद्भुत नजारा

वर्षीदान यात्रा में उमड़ा जन सैलाब

इसी क्रम में पारम्परिक भारतीय उत्सव परिधान और साफे बांधे युवाओं की टोलियाँ ढोल-ताशे और बैंड की स्वर लहरियों पर नृत्य करते अपने उत्साह को अभिव्यक्ति दे रहे थे । बदनावर- रतलाम के बैंड, गुजरात , महाराष्ट्र के संगीत यंत्रों  के साथ पारम्परिक लोक नृत्य की कलाकारों की प्रस्तुति को सराहा गया । आखिर में परमात्मा का रथ और उसके साथ पू.साध्वी श्री अर्चितगुणाश्रीजी म.सा, साध्वी श्री स्वर्णज्योति श्रीजी म.सा, साध्वी श्री मेघवर्षाश्रीजी म.सा, श्री रत्नरिद्धिश्रीजी म.सा.एवं साध्वी श्री रतनवृद्धिश्रीजी म.सा.आदि विशाल श्रमण श्रमणी वृन्द की निश्रा में बड़ी संख्या में समाजजन चल रहे थे । मार्ग में जगह-जगह गुजरात और स्थानीय कलाकार रंगोली को आकर देते चल रहे थे।

मुमुक्षु का बहुमान और यात्रा का स्वागत

मुमुक्षु संयम भाई अपने माता पिता कविता प्रवीण पालरेचा के साथ जीवदया से भावदया रथ में सवार होकर वर्षीदान कर रहे थे । उन्होंने सांसारिक दैनिक उपयोग की वस्तुओं के साथ बर्तन आदि सामग्री मुक्तहस्त से सम्पूर्ण मार्ग में लुटाई । धानमंडी से आरम्भ होकर यात्रा नाहरपुरा, गणेश देवरी, चांदनी चौक, लक्कड़पीठा, बाजना बस स्टेंड होकर कोई तीन घंटे में दीक्षा स्थल पर पहुंची ।  मार्ग में जगह जगह विभिन्न संस्थाओं और परिवारों द्वारा मुमुक्षु का बहुमान,यात्रा का स्वागत और अभिनन्दन किया गया । सम्पूर्ण यात्रा का सुव्यवस्थित और सुचारू संयोजन लाभार्थी जीव मैत्री परिवार रतलाम ने किया । यात्रा दीक्षा स्थल पर पहुंचकर धर्मसभा में परिवर्तित हो गई । लाभार्थी प्रकाशचंद – कोमलजी चौधरी नागदा जंक्शन परिवार रहे । संचालन गणतंत्र मेहता ने किया ।

20 वर्ष की उम्र में संयम लेंगे संयम

20 वर्षीय मुमुक्षु संयम भाई अपने माता पिता के इकलौते लाडले है, जो बुधवार को संयम जीवन स्वीकार कर अपने नाम को सार्थकता प्रदान करेंगे । दीक्षा विधि की शुरुआत सुबह 8 बजे होगी । इसके पूर्व सोमवार दोपहर में उन्होंने प्रीतिदान किया । परिजनों ने उन्हें अपने हाथों से दीक्षा के पहले अंतिम बार (वायणा) भोजन करवाया ।  संयम नाद – संयम संवाद में मुमुक्षु ने इन्टरव्यू में विभिन्न आध्यात्मिक-सांसारिक और व्यवहारिक जीवन के जुड़े सवालों का बड़ा ही सटीक और तर्कपूर्ण जवाब देकर खूब तालियाँ बटोरी । संवेदनाकार आयुष जैन व संगीतकार हर्ष जैन थे । 

29 वें वर्ष में प्रवेश की अनुमोदना

कार्य्रकम में गणिवर्य श्री मेघचन्द्रसागर जी म.सा, गणिवर्य श्री पदमचन्द्रसागर जी म.सा, गणिवर्य श्री आनंदचन्द्रसागर जी म.सा, साध्वी श्री मेघवर्षाश्रीजी म.सा.एवं साध्वी श्री पद्मवर्षाश्रीजी म.सा. के बड़ी दीक्षा के 29 वें वर्ष तथा साध्वी श्री रत्नरिद्धीश्रीजी म.सा.के बड़ी दीक्षा के 21 वें वर्ष में मंगल प्रवेश प्रसंग की निमंत्रक नगीनकुमार प्रवीणकुमार पालरेचा परिवार एवं उपस्थितजनों द्वारा अनुमोदना की गई।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *