आक्रोश की मशाल : सेहत से सरोकार रखने वाले संगठनों की संयुक्त पहल पर आक्रोशित लोगों ने निकाली मशाल रैली, नारे लगाते हुए कहा “शौक नहीं मजबूरी है, ये प्रदर्शन जरूरी है “
⚫ जिला चिकित्सालय से शुरू हुई रैली में चिकित्सक, एमआर, टेक्नीशियन सहित अन्य हुए शामिल
⚫ अंबेडकर सर्कल पर हुआ रैली का समापन
⚫ अनुकूल स्थिति नहीं मिलती कार्य स्थल पर महिला चिकित्सक को
हरमुद्दा
रतलाम, 17 अगस्त। कलकत्ता की डॉक्टर की जघन्य हत्या के विरोध में शनिवार की शाम को आक्रोशित स्वास्थ्य कर्मियों ने मशाल निकाली। जिला चिकित्सालय से शुरू हुई रैली में चिकित्सक श्री टेक्नीशियन सहित अन्य लोग शामिल हुए रैली का समापन अंबेडकर सर्किल पर किया गया। अनार लगाते हुए कहा शौक नहीं मजबूरी है ये प्रदर्शन जरूरी है।
शनिवार के शाम को रतलाम आई एम ए, जूनियर डॉक्टर एसोसिशन, नर्सिंग होम संघ, टेक्निकल सेवा सिविल हॉस्पिटल, एम आर यूनियन के बैनर तले एक मशाल रैली का आयोजन जिला चिकित्सलय से अंबेडकर सर्कल तक निकला गया।
समापन स्थल पर हुई सभा
रास्ते भर नारे लगाते डॉक्टर, शौक नहीं मजबूरी है ये प्रदर्शन जरूरी है, डॉक्टर के हत्यारों को फांसी दो फांसी दो तुम सब देख लो हम सब एक है। मशाल रैली अंत में एक सभा में परिवर्तित हुई जिसे वरिष्ठ डॉक्टर जे एम सुभेदार, बी एल तापड़िया, डॉ. भरत निनामा, कमलेश यादव, जीनत स्टीफन, एवं फ़ोगसी की डॉ. सुनीता वाधवानी, डॉ. स्मिता शर्मा, आई एम ए अध्यक्ष डाक्टर योगेंद्र सिंह चाहर, डॉक्टर विपीन माहेश्वरी, एम आर यूनियन के निखिल मिश्र, जूनियर डॉक्टर एसोसिशन के दीपक कुमारने सम्बोधित किया।
अनुकूल स्थिति नहीं मिलती कार्य स्थल पर महिला चिकित्सक को
ऐसी घटनाएं मानव जाति को शर्मसार करती है। सरकार का रवैया चिंतनीय है। कार्यस्थल पर महिला चिकित्सक की अनुकूल स्थिति नहीं मिलती है। आजादी के 77 साल भी सरकारी अस्पताल में उचित संसाधन की कमी है। न सुरक्षा है। अश्विनी शर्मा ने किया। वरिष्ठ चिकित्सक डॉक्टर कृपालसिंह राठौर ने आभार माना।