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सामाजिक सरोकार : सम्मेलन से जुड़कर महिलाएं समाज में सक्रियता से कर रही है अपने दायित्व का निर्वहन

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अखिल भारतीय मारवाड़ी महिला सम्मेलन की राष्ट्रीय आंचल प्रमुख सुमन मूंदड़ा ने कहा

देश के 23 राज्यों में 500 से अधिक शाखा कार्यरत

महिलाओं के उत्थान में कंधे से कंधा मिलाकर हम कर रहे हैं अथक प्रयास : जिला अध्यक्ष आशा उपाध्याय

हरमुद्दा
रतलाम, 3 सितंबर। महिलाएं सामाजिक सरोकार के तहत सक्रियता से अपने दायित्व का निर्वहन कर रही हैं।  विभिन्न प्रकल्पों के तहत पर्यावरण के मद्देनजर पौधारोपण किया जा रहा है। महिलाओं की समस्याओं का समाधान करवाया जा रहा है। स्कूलों में संस्कार शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। महिलाओं को अपने अधिकारों के लिए जागरूक करते हुए उन्हें सेवा देने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। युवाओं को जोड़ने के लिए सम्मेलन प्रयासरत है ताकि उनकी नई-नई तकनीक और हमारा अनुभव मिलकर समाज में जागरूकता के साथ बदलाव लाया जाए।

यह बात अखिल भारतीय मारवाड़ी महिला सम्मेलन राष्ट्रीय अंचल प्रमुख सुमन मूंदड़ा ने  पत्रकारों से चर्चा में कही। पत्रकार वार्ता में सम्मेलन की जिला अध्यक्ष आशा उपाध्याय, सचिन मंगला अग्रवाल, प्रांतीय उपाध्यक्ष सुलोचना लड्ढा, मधुकांता  सोमानी, कोषाध्यक्ष हेमलता मालपानी, सुनीता मालपानी, अर्चना बैरागी, चंचला भट्टड़, सुनीता अजमेरा, अनीता पालीवाल सहित अन्य पदाधिकारी महिलाएं मौजूद थी।

सम्मेलन से जुड़ी महिला पदाधिकारी

देश के 23 राज्यों में 500 से अधिक शाखा कार्यरत

देवास से दो दिवसीय प्रवास पर रतलाम आई श्रीमती मूंदड़ा ने बताया कि अखिल भारतीय मारवाड़ी महिला सम्मेलन की देश के 23 राज्यों में 500 से अधिक शाखाएं कार्य कर रही है। तेलंगाना,  गुजरात,  हरियाणा, उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश की प्रमुख श्रीमती मूंदड़ा ने बताया कि सम्मेलन के प्रोजेक्ट के तहत देश भर में पर्यावरण के लिए पौधारोपण, नदी तट पर सफाई, पंछियों के लिए दाना पानी, गौशालाओं के लिए आत्मनिर्भरता जैसे कार्य किए जा रहे हैं। गौशालाओं की आत्मनिर्भरता के जवाब में श्रीमती मूंदड़ा ने बताया कि प्रदेश की चार गौशालाओं में गोबर गैस प्लांट के तहत उन्हें आत्मनिर्भर बनाया गया है जिम इंदौर, महू, शिवपुरी, उज्जैन शामिल है। देश के अन्य राज्यों में भी तीन स्थानों पर गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाया गया है।

हजारों महिलाएं सम्मेलन से जुड़कर कर रही है सेवा कार्य

फंड की बात पर श्रीमती मूंदड़ा ने बताया कि सम्मेलन द्वारा राज्य और जिले को कोई फंड नहीं भेजा जाता है।  महिलाएं सदस्य बनाई जाती है आजीवन सदस्य के रूप में ₹1500 लिए जाते हैं और उन रुपयों को बैंक में फिक्स डिपाजिट कर उनके ब्याज से सामाजिक गतिविधियां संचालित की जाती है।  इसके अलावा अन्य प्रयोजन के तहत राशि एकत्र कर समाज सेवा की जा रही है। देशभर में हजारों महिलाएं सम्मेलन से जुड़कर सेवा कार्य कर रही हैं। वाटर हार्वेस्टिंग के लिए भी जागरूक किया जा रहा है। महिलाओं के लिए औद्योगिक मेले का आयोजन भी किया जाता है ताकि महिलाएं उद्यमी बने। सम्मेलन से युवा वर्ग को भी जोड़ा जाएगा, ताकि उनकी नई तकनीक और सामाजिक सेवा की भावना समाज में सक्रियता से अपना मुकाम हासिल करें।

महिलाओं के उत्थान में कंधे से कंधा मिलाकर हम कर रहे हैं अथक प्रयास : जिला अध्यक्ष आशा उपाध्याय

जिला अध्यक्ष आशा उपाध्याय ने बताया कि सम्मेलन  से जुड़ी महिलाएं सामाजिक सरोकार का बखूबी निर्वाह कर रही है। महिलाओं के उत्थान में कंधे से कंधे मिलाकर प्रयास किए जा रहे हैं। विभिन्न क्षेत्र में जहां पौधारोपण किया जा रहा है, वहीं महिलाएं बाल विकास विभाग से जुड़कर महिलाओं को उनके अधिकारों के साथ आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकारी योजनाएं बताई जा रही है। सम्मेलन द्वारा शासकीय नवीन कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय को गोद भी लिया गया है जिसमें विभिन्न प्रकल्प के तहत जागरूक किया जा रहा है। निशुल्क कोचिंग सेंटर संचालित किए जा रहे हैं। सम्मेलन की प्रेरणा से शहर में रक्तदान, देहदान जैसे कार्य भी हो रहे हैं। जरूरतमंद को सिलाई मशीन, ठेला गाड़ी सहित अन्य कार्य किए जा रहे हैं।

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