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शहर पर ओस की चादर छाई, मानसून की हुई विदाई, गुलाबी ठंड की होगी अगुवाई

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मानसून सत्र में सर्वाधिक बारिश हुई रावटी में 1509 मिली मीटर

सबसे कम बारिश दर्ज हुई पिपलोदा में 748 मिली मीटर

जिले में हुई औसत बारिश 1143.50 मिलीमीटर

गतवर्ष से हुई थी 1270 मिली मीटर बारिश दर्ज

सोयाबीन उत्पादक किसानों को आर्थिक नुकसान

हरमुद्दा
रतलाम, 2 अक्टूबर। बुधवार को रतलाम शहर में सुबह सूर्योदय के पहले से ओस की चादर छाई हुई नजर आई। यह प्रकृति का संकेत रहता है कि अब मानसून की विदाई हो गई है। अब गुलाबी ठंड की अगुवाई होगी। मानसून सत्र में जिले में औसत रूप से 1143.50 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। जबकि गत वर्ष 1270 मिली मीटर बारिश दर्ज की गई थी। रविवार को हुई बारिश से काश्तकार काफी परेशान नजर आए। सोयाबीन उत्पादक किसानों का कहना है कि इस बारिश से फसल प्रभावित हुई है।

जानकारों का कहना है कि मानसून सत्र का समापन उसके साथ शुरू हो जाता है जब सुबह-सुबह घनी ओस नजर आती है, तब मानसून की विदाई लगभग तय मानी जाती है। नवरात्रि में ही गुलाबी ठंड की शुरुआत हो जाती है। देर रात से सुबह तक ठंड का एहसास होने लगता है। वहीं दिन में तेज गर्मी की चुभन परेशान करती है। ऐसा मौसम सेहत के लिए कुछ हानिकारक साबित होता है। आमजन ठंड और गर्मी में तालमेल नहीं बिठा पता है।

गत वर्ष की तुलना में 126.5 मिलीमीटर बारिश कम

मानसून सत्र में सर्वाधिक बारिश रावटी में 1509 मिली मीटर दर्ज की गई। सबसे कम बारिश पिपलोदा में 748 मिली मीटर हुई है। रतलाम शहर में 1060 मिलीमीटर, आलोट में 1206 मिली मीटर, जावरा में 1135 मिली मीटर, ताल में 937 मिली मीटर, बाजना में 1337 मिली मीटर, सैलाना में 1213 मिली मीटर बारिश दर्ज की गई है। इस तरह वर्तमान मानसून सत्र में 1143 मिली मीटर बारिश दर्ज की गई है जबकि गत वर्ष 1270 मिली मीटर बारिश दर्ज हुई थी। गत वर्ष की तुलना में 126.5 मिली मीटर बारिश कम हुई है।

सोयाबीन उत्पादक किसानों को आर्थिक नुकसान

पीला सोना सोयाबीन का उत्पादन करने वाले किसान रविवार को हुई झमाझम बारिश के चलते काफी मुसीबत का सामना कर रहे हैं। भेरूलाल, गोविंद, रामेश्वर सहित अन्य किसानों का कहना है कि जो फसल कटने को तैयार थी या फिर काटकर खलिहान में रखी थी। बारिश के कारण प्रभावित हुई है। इसके चलते आर्थिक नुकसान होगा।

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