एक और प्रदर्शन शुरू : विधायक डोडियार को रिहा करो, रिहा करो, के नारों के साथ 12 बजे फिर शुरू हुआ प्रदर्शन, “सरकार हमसे डरती है, पुलिस को आगे करती है” पहले आवेदन फिर निवेदन फिर भी नहीं माने तो राधेश्याम का दनादन

एडीएम को दिया ज्ञापन

फिर भी डटे रहे धरना स्थल पर

बैरिकेट्स लगाने से हुआ रतलाम बांसवाड़ा मार्ग अवरुद्ध

बीमार और आवागमन करने वाले करने वाले यात्री हुए परेशान

ले जाने के लिए लगाए गए दो पुलिस वाहन फिर किए रवाना

हरमुद्दा
रतलाम, 11 दिसंबर। सैलाना विधायक कमलेश्वर डोडियार को ले जाने के करीब 1 घंटे बाद बंजली हवाई पट्टी  से कुछ दूरी पर फिर से आंदोलन शुरू हुआ।  आवाज बुलंद करते हुए नारे लगाए। “विधायक डोडियार को रिहा करो, रिहा  करो, सरकार हमसे डरती है पुलिस को आगे करती है“।

धरना स्थल पर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के आदिवासी नेता राधेश्याम काकोड़िया ने कहा कि हम शांतिपूर्वक आंदोलन कर रहे हैं। हम पहले आवेदन कर रहे हैं। निवेदन दे रहे हैं फिर भी नहीं मानते हैं तो दनादन होगा। एडीएम को ज्ञापन दिया। बेरी कैट्स लगाने के कारण रतलाम बांसवाड़ा मार्ग विरुद्ध हो गया।  वाहन चालकों के साथ बाहर जाने वाले मरीज को भी काफी परेशानी हुई।

बुधवार को डॉक्टर और विधायक विवाद के तूल पकड़ने के बाद विधायक को आंदोलन के पहले ही वाहन में भरकर करीब दो दर्जन लोगों के साथ जेल ले गए। इस घटना के  करीब 1 घंटे के बाद कुछ दूरी पर आदिवासी नेता राधेश्याम काकोड़िया,  आदिवासी एकता परिषद के प्रांतीय महासचिव डॉक्टर केएस डामोर, बाप के जिला अध्यक्ष चंदू मईड़ा, जयस के संरक्षक नेता लक्ष्मण सिंह डिंडोर, शरद डोडियार, सहित कई नेताओं के नेतृत्व में फिर आंदोलन शुरू हुआ।  इनकी यही मांग थी कि डॉक्टर को बर्खास्त करो और विधायक को रिहा करो, सरकार हमसे डर रही है। भाजपा, आरएसएस सभी आदिवासियों से डर रहे हैं। इस कारण आगे नहीं बढ़ने दे रहे हैं।

एडीएम को दिया ज्ञापन

ज्ञापन का वाचन करते हुए

काफी समय तक नारेबाजी चलती रही।  तत्पश्चात तकरीबन 12:35 पर एडीएम शालिनी श्रीवास्तव, एएसपी राकेश खाखा आंदोलनकारी के पास पहुंचे। उनसे चर्चा की। उनका यही कहना था कि आर्टिकल 19 में हमें धरना प्रदर्शन करने की अनुमति है। हम कोई व्यवधान नहीं डाल रहे हैं।  हमारे पास कोई हथियार नहीं है। इसके पश्चात मईड़ा ने ज्ञापन का वाचन किया गया और एडीएम को ज्ञापन सौपा।

पुलिस के थे दो वाहन तैयार

इस दौरान पुलिस प्रशासन के दो वाहन लगा दिए। धरना स्थल पर  मौजूद लोगों को भरने के लिए तैयार थे मगर जैसे ही वाहन स्थल पर आए। आदिवासी धीरे-धीरे खिसकने लगे। कुछ ही मौजूद रहे। कुछ समय बाद दोनों वाहनों को वहां से रवाना कर दिया गया।

रतलाम बांसवाड़ा मार्ग कर दिया अवरुद्ध

डिलीवरी के पश्चात अस्पताल से अपने गांव ले जाने के लिए इंतजार करते रहे
मशक्कत के बाद निकाली एम्बुलेंस

12:40 पर रतलाम बांसवाड़ा मार्ग  को अवरुद्ध कर दिया गया। बैरिकेट्स  लगाकर आवागमन रोका गया। इस कारण वाहनों की लंबी कतारें लग गई। इतना ही नहीं एंबुलेंस सहित वाहनों में जो मरीज थे,  वे परेशान होते रहे। काफी मिन्नत  के बाद कुछ वाहनों को जाने दिया गया। लोगों की परेशानी को देखते हुए यातायात विभाग ने पुनः बैरिकेट्स हटाकर आवागमन को सुगम किया।

मैदानी अधिकारी करते रहे इंतजार

एडीएम वरिष्ठ को जानकारी देते हुए

तकरीबन 40 मिनट तक झाड़ के नीचे एडीएम शालिनी श्रीवास्तव सहित अन्य लोग कुर्सी लगा कर बैठे  रहे। धरना स्थल की जानकारी वरिष्ठ अधिकारी को देते रहे। आगे क्या करना है? इस आदेश के इंतजार में रहे। मैदान पर एएसपी एडीएम सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे। सैकड़ो की संख्या में पुलिस बल तैनात था। विभिन्न थाना क्षेत्र के थाना प्रभारी दलबल के साथ डटे हुए थे।

धरना स्थल  पर बढ़ती हुई संख्या

फिर बढ़ने लगी धरना स्थल पर आदिवासियों की संख्या

1 बजे के बाद फिर धीरे-धीरे आदिवासी आते रहे और फिर धरना स्थल पर संख्या बढ़ती रही। 1.40 बजे तक तकरीबन 200 से अधिक आदिवासी मौके पर नजर आए। 1.40 पर फिर से बेरी कैट्स  लगा दिए गए और आमजन का आवागमन रोक दिया गया। इधर आदिवासियों के मोबाइल लगते रहे।  गाड़ियां वहीं छोड़कर पैदल आ जाओ। आदिवासी खेत खेत होते हुए पैदल धरना स्थल की ओर आते रहे।

फिर लगा दिए बेरी कैट्स

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