आज भी जिंदा है ईमानदारी :  स्वार्थ का नहीं आने दिया ख्याल, शिक्षा और संस्कार  को दिया मूर्त रूप

सोने के जेवर और लाखों रुपए से भरा बैग सौंपा जीआरपी को

हरिद्वार रतलाम ट्रेन से कर रहे थे यात्रा

लावारिस हालत में मिला बेग

राकेश पोरवाल
रतलाम, 20 मार्च। यह के तीन व्यापारी ने ईमानदारी का परिचय दिया। स्वार्थ का ख्याल भी आने नहीं दिया। शिक्षा और संस्कार के सबक को मूर्त रूप दिया। तीन व्यापारियों में सोनी के आ भूषण और लाखों रुपए से बेग एक जीआरपी को  दिया।

हुआ यूं कि शैलेष पिता विजय सोनी (चक्काजी ज्वेलर्स )चांदनी चौक, चिराग पिता अनिल कटारिया (वर्धमान ड्रेसस ) नीमचौक और गगन पिता बृजमोहन सोनी (नंदनी ज्वेलर्स ) टाटानगर हरिद्वार से रतलाम आ रहे थे।  ट्रेन में यात्रा के दौरान लाखों रुपए व सोने चांदी के जेवरात से भरा हुआ मिला।  ईमानदारी का परिचय देते हुए लावारिस बैग जीआरपी पुलिस को सौंपा।  रतलाम के युवा व्यापारियों ने ईमानदारी में भी अपने  शहर का नाम ऊंचा किया। सर्वत्र प्रशंसा की जा रही है।

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