मरीज़ों की जान पर जोखम : जिला अस्पताल में प्रसूति वार्ड के गलियारे की छत का प्लास्टर गिरा

नईम क़ुरैशी
शाजापुर, 13 अगस्त। सोमवार-मंगलवार की दरम्यानी रात जिला मुख्यालय स्थित डॉ. भीमराव अंबेडकर जिला चिकित्सालय के प्रसूति वार्ड के गलियारे की जर्जर छत का एक बड़ा हिस्सा गिर गया। गनीमत रही कि उस दौरान कोई नहीं था, वरना गम्भीर हादसा हो सकता था। खास बात तो यह है कि करोड़ों का नया भवन तैयार है।

उल्लेखनीय है कि 1960-62 में निर्मित ज़िला अस्पताल भवन मरीज़ों की जान पर जोखम साबित हो रहा है। आधी रात को अचानक प्रसूति एवं जच्चा-बच्चा वार्ड के बीच के गलियारे की छत का एक बड़ा हिस्सा गिर गया। अच्छी बात यह रही कि इस दौरान वहां कोई प्रसूता या उनके परिजन मौजूद नहीं थे।जबकि जिस जगह ये छत का हिस्सा गिरा है, वहां प्रसूताएं प्रसव पूर्व चहलक़दमी करती हैं और डिलेवरी के बाद सामने स्थित जच्चा-बच्चा वार्ड में उन्हें रखा जाता है।

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करोड़ों की नई बिल्डिंग बनी नुमाईश

प्रशासनिक लापरवाही का इससे बड़ा उदाहरण और क्या हो सकता है कि पुरानी बिल्डिंग के ठीक पीछे नया भवन ट्रामा सेंटर के रूप में बनकर तैयार है। मरीज़ पुराने भवन में आसमानी मौत के साये में उपचार करने को विवश हैं। इसके पूर्व भी पुराने भवन के अनेक वार्ड और अन्य हिस्सों की छत गिर चुकी है। बावजूद इसके रख-रखाव के नाम पर करोड़ों खपाने वाला अस्पताल प्रशासन मरीज़ों की ज़िंदगी से खिलवाड़ करने से बाज़ नही आ रहा है।

फिर से उपयोगी होने का प्रमाण-पत्र देता विभाग

प्रसूति वार्ड के जिस गलियारे की छत गिरी है, बाक़ी का हिस्सा भी बस नीचे गिरने की कगार पर है। हैरत की बात है कि इस 60 वर्षीय जर्जर अस्पताल भवन की मरम्मत का काम करने वाला लोकनिर्माण विभाग इसे ख़तरनाक बताने के बावजूद लीपापोती कर स्वास्थ्य विभाग से राशि लेकर फिर से उपयोगी होने का प्रमाण-पत्र दे देता है। अक्सर बरसात में छत, दीवार, प्लास्टर गिरने के बाद भी अस्पताल प्रशासन मरीज़ों की जान से खिलवाड़ ऐसी स्थिति में कर रहा है, जबकि यहां नई बिल्डिंग बनकर तैयार है। वैसे हमारे यहां ये आम बात है, जब तक कोई बड़ा हादसा ना हो उसकी सुध नहीं ली जाती।

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