पत्रकारवार्ता: सहज योग के साधक-साधिकाएं 120 देशों में बना रहे अपने जीवन को सहज, होती है दिव्य अनुभूति : साधक

हरमुद्दा
रतलाम, 24 अगस्त। दुनिया के 120 देशों में सहज योग के साधक-साधिकाएं अपने जीवन को सहज बना रहे हैं। देश में 13500 केंद्र पर करोड़ों साधक-साधिकाएं हर दिन मात्र 30 मिनट का समय देकर अपने तनाव और विपत्तियों को दूर कर अद्भुत आनंद की अनुभूति प्राप्त कर रहे हैं।
यह बात सहजयोग मध्य प्रदेश के प्रभारी समन्वयक महेश व्यास ने पत्रकार वार्ता में कही। शनिवार शाम को अमृत गार्डन में हुई पत्रकार वार्ता में आयोजन प्रभारी प्रदीप रस्से, मासिक पत्रिका मोक्ष बोध के संपादक प्रेमचंद गुप्ता, मीडिया प्रभारी शैलेंद्र कुलमी मौजूद थे। साधक रतलाम में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय श्री कृष्ण जन्माष्टमी उत्सव में शामिल होने आए थे।

श्री व्यास व श्री कुलमी ने बताया सहज योग विश्वव्यापी है। प्रदेश में 150 केंद्रों पर सहज योग सिखाया जाता है। इसको सीखना और क्रिया करना बेहद सरल व सहज है। हमारे साधक-साधिकाएं शहरी क्षेत्रों में सर्वाधिक है।

रूढ़िवादिता के कारण ग्रामीण सहज नहीं जुड़ते

तनाव के चलते लोग ग्रामीण क्षेत्रों में सर्वाधिक आत्महत्या कर रहे हैं के प्रश्न के जवाब में स्वीकार करते हुए कहा कि हां, यह बात मानते हैं कि ग्रामीण क्षेत्र के लोग हम से काफी कम जुड़े हैं। इसकी मुख्य वजह रूढ़िवादिता है। यह बात जरूर है कि महाराष्ट्र के ग्रामीण क्षेत्रों में डेढ़ लाख से अधिक साधक-साधिकाएं जुड़े हुए हैं और इसका प्रभाव उनकी फसलों पर भी हो रहा है। उत्पादन बेहतर तरीके से कर पा रहे हैं।

युवा वर्ग को काफी लाभ

दशकों से जुड़े साधकों श्री व्यास व श्री गुप्ता ने बताया कि इस योग का लाभ युवा वर्ग को सर्वाधिक होता है। उनमें सही निर्णय लेने की क्षमता का विकास आसानी से होता हैं। जिम्मेदारियों का एहसास भी उन्हें होता है। वे जीवन के किसी भी मोड़ पर ऐसा कदम नहीं उठाते जिससे कि उनकी हानि हो।

बंधन या दीक्षा नहीं

श्री व्यास व श्री रस्से ने बताया कि सहज योग से जुड़ना बहुत आसान है। बिल्कुल निशुल्क प्रक्रिया रहती है। इसमें कोई दीक्षा नहीं दी जाती है। किसी प्रकार का कोई बंधन नहीं है। माताजी निर्मला के चित्र के सम्मुख व्यक्ति सहज रूप से सहज योग की क्रियाएं करते हुए अपने जीवन का उद्धार और समाज का कल्याण कर सकता है।

इंसानों के जीवन को तनाव मुक्त बनाना ही उद्देश्य

श्री कुलमी व श्री रस्से ने बताया कि हमारा कहना है आप किसी भी धर्म को माने। चाहे मुस्लिम हो, बोहरा हो, इसाई हो, हिंदू हो। किसी भी देवी-देवताओं की पूजा करें। उससे कोई गुरेज नहीं है। बस इंसान 30 मिनट हर दिन सहज योग कर अपने तनाव को, अपनी भी विपत्तियों को दूर कर एक ताजगी का अनुभव कर सकते हैं। सहज योग से हथेलियों में एक ठंडा-ठंडा कम्पन होता है।

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