दहेज हत्या के आरोप में पति को 7 साल की सश्रम कैद

हरमुद्दा
रतलाम,24 सितंबर। चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश तरुण सिंह ने दहेज हत्या के आरोप में इंद्रेश पिता चंद्र प्रकाश विश्वकर्मा, उम्र 33 वर्ष, निवासी विनोबा नगर रतलाम को दोषी पाया है। उसे भादवि की धारा 304 बी के तहत 7 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है। इसके साथ ₹10,000 का जुर्माना भी किया गया है।

जिला अभियोजन अधिकारी अनिल बादल ने बताया कि आरोपी एक निजी स्कूल में टीचर था। उसी स्कूल में ज्योति पिता नंदलाल बैरागी और उसकी बहन आरती भी टीचर थी। आरोपी आरती से प्रेम विवाह कर उसे अपने घर ले गया था,लेकिन बाद में आरोपी की माता रेखा पिता पति चंद्रप्रकाश ने उन्हें यह कहकर ताने मारती थी,कि तुम दोनों कमाते नहीं हो, इसलिए में तुम्हें घर मे रहने नहीं दूंगी। इंद्रेश और आरती 6-7 महीने वहां रहने के बाद किराए के मकान में रहने लगे। आरती के पिता ने बाद में दामाद और बेटी को अपनी पत्नी के नाम का मकान रहने के लिए दे दिया। लेकिन इसके बाद आरती को पति इंद्रेश और सास रेखा प्रताड़ित करने लगे। वे दहेज में 10 लाख रुपए लाने अथवा मकान इंद्रेश के नाम कराने की मांग करने लगे, इससे परेशान होकर आरती ने 17 अप्रैल 2018 को सुदामा परिसर स्थित घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। तत्कालीन सीएसपी विवेक सिंह चौहान ने जांच में पाया कि लगातार प्रताड़ित होकर आरती ने आत्महत्या की थी।

आरोपी सास को किया बरी

औद्योगिक क्षेत्र पुलिस ने मृतका के पति इंद्रेश और सास रेखा पति चंद्रप्रकाश विश्वकर्मा, उम्र 55 वर्ष निवासी विनोबा नगर रतलाम के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर न्यायालय में चालान पेश किया था। न्यायालय ने आरोप प्रमाणित नहीं होने पर आरोपी सास रेखा को दोषमुक्त किया, जबकि पति को दोषसिद्ध होने पर दंडित किया है।

 

 

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