गुरुनानक देवजी की 550वीं प्रकाश पर्व यात्रा को दिया जाएगा ऐतिहासिक स्वरूप
🔳 धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होंगे गुरुनानक देव जी के स्मृति स्थल
🔳 प्रकाश उत्सव के लिए गठित होगी राज्य-स्तरीय समिति
🔳 मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ का “जो बोले सो निहाल-सत श्री काल” के जयकारों से अभिनंदन
🔳मुख्यमंत्री कमल नाथ ने सिख समाज के साथ की प्रकाश पर्व की तैयारियों पर की चर्चा
हरमुद्दा
भोपाल, 26 सितंबर। मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा कि गुरुनानक देवजी की 550वें प्रकाश उत्सव को पूरे प्रदेश में ऐतिहासिक स्वरूप दिया जाएगा। मध्यप्रदेश में गुरुनानक देवजी की स्मृति से जुड़े स्थलों का सर्वांगीण विकास किया जाएगा और उन्हें धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 550वाँ प्रकाश पर्व मनाने के लिए सरकार राज्य-स्तरीय सिख एवं अन्य धर्मों के प्रतिनिधियों के साथ समिति गठित कर प्रदेश में यात्रा के दौरान आयोजित कार्यक्रमों और सुझावों के अनुरूप रूपरेखा तैयार करेगी। इस मौके पर पूरे प्रदेश से सिख समाज और गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के आए प्रतिनिधियों ने कहा की प्रदेश के इतिहास में पहली बार किसी मुख्यमंत्री ने सिख समाज के लोगों की बैठक आयोजित की है।
प्रदेश से निकलने वाली यात्रा पूरे देश में ऐतिहासिक बने
मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरुनानक देवजी के 550 वें पर्व पर प्रदेश से निकलने वाली यात्रा पूरे देश में ऐतिहासिक बने, इसके लिए हम निरंतर विचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसी विषय पर मंथन के लिए सिख समुदाय के लोगों को बुलाया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रकाश पर्व पर यात्रा धूमधाम से उत्साह के साथ सभी वर्गों के साथ निकले, इसके लिए जरूरी है कि एक राज्य-स्तरीय समिति बने, जिसमें हर वर्ग और प्रदेश के हर अंचल का प्रतिनिधि शामिल हो। उन्होंने कहा कि समिति में राज्य सरकार की ओर से गृह, वित्त, संस्कृति और अध्यात्म विभाग के प्रतिनिधि शामिल होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि समिति एक सप्ताह में गठित कर दी जाएगी। सभी लोगों के सुझावों के आधार पर यात्रा की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह यात्रा केवल सिख समाज के लिए ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश के लिए आन-बान और शान का अवसर है। हमारी मंशा है कि यह यात्रा इतनी भव्य हो कि पूरे देश में एक मिसाल बने।
इतिहास के पन्नों में स्वर्ण अक्षरों में अंकित होगा बलिदान
मुख्यमंत्री ने कहा कि सिख समाज के इतिहास का उल्लेख करते हुए कहा कि सिख एक बहादुर और स्वाभिमानी कौम है। मानवता की रक्षा के लिए हमारे सिख गुरुओं ने जो बलिदान दिया है, वह हमेशा इतिहास के पन्नों में स्वर्ण अक्षरों में अंकित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सिख समाज कर्मयोगी समाज है, जिसकी वैश्विक उपस्थिति है। पूरी दुनिया में कोई ऐसा देश नहीं है, जहाँ सिख समाज की उपस्थिति नहीं हो। उन्होंने साइबेरिया सहित अन्य सुदूर अंचल के देशों का उल्लेख करते हुए कहा कि जब मैं वहां विभिन्न अवसरों पर यात्रा पर गया, तो मुझे सिख समाज का व्यक्ति जरूर मिला। सिख समाज जैसी कोई कौम नहीं है, जिसकी पूरे विश्व में उपस्थिति हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह गर्व की बात है और इस तथ्य को गिनिज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज होना चाहिए।
प्रबंधन कमेटी के प्रतिनिधियों ने दिए सुझाव
उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री कमल नाथ के सभी को निर्देश हैं कि गुरुनानक जी के 550 वें प्रकाश पर्व को ऐतिहासिक स्वरूप दिया जाए। उन्होंने कहा कि इन्दौर में गुरुनानक देव जी द्वार बनाने की घोषणा पूरी होने तक वे एक टाईम भोजन करेंगे। बैठक में पूरे प्रदेश से आए सिख समाज और गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के प्रतिनिधियों ने अपने सुझाव दिए।
पहली बार किसी मुख्यमंत्री ने सिख समाज को चर्चा के लिए बुलाया
केन्द्रीय गुरुसिंघ सभा मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ के महासचिव सुरजीत सिंह टुटेजा ने सिख समाज की ओर से गुरुनानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व पर मध्यप्रदेश से निकलने वाली यात्रा को यादगार बनाने के लिए सुझाव-पत्र का वाचन किया और मुख्यमंत्री को भेंट किया। उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए गर्व की बात है कि पहली बार किसी मुख्यमंत्री ने सिख समाज को चर्चा के लिए आमंत्रित किया है।
पुरस्कार घोषित करने का दिया सुझाव
भोपाल के ईदगाह हिल्स गुरुद्वारा के परमवीर ने प्रकाश पर्व के अवसर पर शैक्षणिक संग्रहालय एवं गुरुनानक जी के नाम पर पुरस्कार घोषित करने का सुझाव दिया। इन्दौर गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के जसवीर सिंह गांधी ने सिख समाज के गौरवशाली महापुरुषों की प्रतिमाएँ स्थापित करने का सुझाव दिया। सुरेन्द्र अरोरा ने संभागीय स्तर पर सर्वधर्म सम्मेलन करने और गुरुनानक जी के उपदेश पर केन्द्रित छोटी-छोटी पुस्तकें वितरित करने का सुझाव दिया।
हमारी पगड़ी को ऊंचा करने का किया काम
सागर के जितेन्द्र चावला ने पूरे सिख समाज की ओर से मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने गुरुनानक जी के नाम पर ट्रॉफी स्थापित करने का सुझाव दिया। जबलपुर के नरेन्द्र सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री ने सभी सिख समाज को मंत्रालय में आमंत्रित करके हमारी पगड़ी को ऊंचा करने का काम किया है। उन्होंने मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम का नामकरण गुरुनानक देव जी के नाम पर करने का सुझाव दिया। इटारसी, पिपरिया के जसपाल सिंह भाटिया ने गुरुनानक जी के सिद्धांतों को जन-जन तक पहुंचाने को कहा। देवास के गुरुचरण सिंह सलूजा ने मुख्यमंत्री को साधुवाद देते हुए सिख धर्म की ऐतिहासिक धरोहरों को संरक्षित करने को कहा। धार के कुलदीप सिंह ढंग ने मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए धर्मशालाएँ बनाने का सुझाव दिया। अब्दुल्लागंज के गुरुदीप सिंह ने कहा कि 11 अक्टूबर से शुरू हो रहे गुरु पर्व और 12 नवम्बर के बीच एक भव्य कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इन्दौर से मंजीत सिंह भाटिया ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए सिख समाज के बंजारा एवं सिकलीगर समुदाय को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने को कहा। ग्वालियर के राजीव भाटिया ने भी अपने सुझाव दिए।
लगभग सभी जिलों से आए सिख समाज के प्रतिनिधि
प्रारंभ आयोजक एवं मीडिया समन्वयक नरेन्द्र सलूजा ने बैठक की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री की मंशा थी कि गुरुनानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व को यादगार पल बनाने के लिए सभी के सुझावों के आधार पर पूरा कार्यक्रम बने। इसी उद्देश्य से यह बैठक आयोजित की गई है। बैठक में पूर्व केन्द्रीय मंत्री सरताज सिंह और प्रदेश के लगभग सभी जिलों से आए सिख समाज के प्रतिनिधि उपस्थित थे।