हरमुद्दारतलाम, 2 अप्रैल। शुक्रवार को आई जांच रिपोर्ट में एक व्यक्ति की कोरोनावायरस से जान चली गई है। वहीं 79...
सरोकार
‘जीवन के दुःख-दर्द हमारे बीच ही हैं और खुशियां भी हमारे करीब।ज़रूरत इन्हें देखने और महसूस करने की है। सड़क पर चलते हुए जब किसी आदिवासी के फटे पैर दिखते हैं तो भीतर का कवि जाग जाता है।उस पीड़ा को वही समझ सकता है जो उस आदिवासी के प्रति संवेदना रखता हो।‘ इन संवेदनाओं को अपने सक्रिय जीवन में कई बार अभिव्यक्त करते रहे हिन्दी और मालवी के कवि, डाॅ. देवव्रत जोशी आम जनता की पीड़ा, दुःख-दर्द से, कलम और देह से उसी तरह जुड़े रहे जिस तरह कोई शाख पेड़ से जुड़ी रहती है। पाॅच दशक तक निरंतर लिखते हुए देवव्रत जी ने साहित्य के कई उतार-चढ़ाव देखे। वे छंदबद्ध रचना छंदमुक्त दौर के सर्जक/साक्षी रहे। उन्होंने गीत-नवगीत और नई कविताएॅं लिखी। उनकी कलम जब भी चली नई परिपाटी को गढ़ती चली गई। ज़िन्दगी से लम्बी जद्दोजहद के...
मामला 80 फिट रोड स्थित जीवांश हॉस्पिटल का हरमुद्दारतलाम, 2 अप्रैल। कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति का उपचार मेडिकल...
हरमुद्दारतलाम, 2 अप्रैल। कोरोना का संक्रमण सिर चढ़कर बोलने लगा है। हालात बेकाबू होने से पहले ही अब एहतियात बरतना...
🔲 रतलाम आने के लिए जरूरी है नेगेटिव रिपोर्ट 🔲 अन्यथा घरों में रहना होगा कैद 7 दिन हरमुद्दारतलाम, 2...
🔲 सौराष्ट्र के अयोध्यापुरम तीर्थ में हुआ नवीनीकरण पूजन 🔲 करीब 18 साल में 7 करोड़ से अधिक बार हुए...
हरमुद्दारतलाम, 1 अप्रैल। कोरोना वायरस का विस्फोट और कहर लगातार बढ़ता जा रहा है। गुरुवार को 2 लोगों की जान...
हरमुद्दारतलाम, 1 अप्रैल। जिला अजाक्स पदाधिकारियों की अति आवश्यक बैठक शुक्रवार 2 अप्रैल को शाम 4 बजे अलकापुरी स्थित आकाश...
हरमुद्दारतलाम, 01 अप्रैल। 50 माईक्रॉन से कम की पॉलीथीन का उपयोग करने व गंदगी करने पर 10 लोगों के विरुद्ध...