भाइयों में भेदभाव यह सब उचित नहीं : डॉ. भामरा
हरमुद्दा
रतलाम, 14 नवंबर। भाईयों में कैसा ऊंच-नीच कैसा जातिवाद, कैसा भेदभाव यह सब उचित नहीं है। हम सबको एक साथ मिलकर रहना चाहिए। एक ईशवर की आराधना करना चाहिए । ईश्वर भक्त सदेव निर्भय होता है। नानकजी ने अपने जीवनकाल में घुम-घुम कर निर्गुण निराकार पारब्रहम की आराधना करने के लिए प्रेरित किया।यह विचार प्राध्यापक डॉ. पदमा भामरा ने व्यक्त किए। व्यक्तित्व विकास प्रकोष्ठ के तहत डॉ. भामरा गुरुवार को शासकीय कला एवं विज्ञान महाविद्यालय में
विद्यार्थियों को गुरु नानक जयंती के अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित कर रही थी। डॉ. भांभरा ने गुरुनानकजी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर विस्तार से विचार व्यक्त करते हुए नानक जी की आध्यात्मिक प्रवचनों के अनेक प्रसंगो की चर्चा की।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए डॉ. रामकुमार मौर्य ने गुरू की महत्ता बताते हुए नानकजी के विचारों की विस्तृत रूप से व्याख्या की। कार्यक्रम में प्रो. शकुन्तला जैन, प्रो. अंजेला सिंगारे, प्रो. राधा वास्केल, प्रो. ललिता मरमठ एवं अनय शिक्षकगण तथा अनके संख्या में विद्यार्थी उपस्थित थे। आभार डॉ. शकुन्तला जैन ने माना।