एक दशक पूर्व का संकल्प पूर्ण करने पर प्रधानमंत्री मोदी के प्रति डॉ. पुरोहित ने जताई कृतज्ञता
🔳 प्लास्टिक मुक्त शहर” का अभियान होगा सफल
हरमुद्दा
रतलाम,14 नवम्बर। प्लास्टिक के खतरों के प्रति जन जागरण कर रतलाम में 10 वर्ष पूर्व कैरी बैग वितरण का अभियान चलाने वाले डॉ. अरुण पुरोहित ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की है। उन्होंने एक दशक पहले “प्लास्टिक मुक्त शहर” का जो अभियान चलाया था, प्रधानमंत्री श्री मोदी के प्रयासों से वह अब अपने उद्देश्यों में सफल हो सकता है। हरमुद्दा को डॉ. पुरोहित ने बताया कि पर्यावरण के लिए प्लास्टिक बहुत घातक है। उन्होंने इससे बचाव के लिए वर्ष 2010-11 में रतलाम शहर में पॉलिथीन मुक्त शहर का अभियान चलाया था। इस अभियान के तहत अरुण पुरोहित मित्र मंडल के माध्यम से हजारों कैरी बैग बनवाकर जगह-जगह वितरित कराए गए थे, लेकिन बाद में प्लास्टिक के बढ़ते चलन के कारण शहरवासी फिर उसके अभ्यस्त हो गए।
फिर जीवित कर दिया अभियान को
प्रधानमंत्री ने देश स्तर पर सिंगल यूज प्लास्टिक को प्रतिबंधित कर इस अभियान को फिर से जीवित कर दिया है। इससे रतलाम में एक बार फिर प्लास्टिक मुक्त शहर का सपना साकार होता दिखाई दे रहा है। अभियान के कारण सिंगल यूज़ प्लास्टिक के साथ-साथ शहर में अब पॉलिथीन की थैलियों का उपयोग भी कम हो गया है।
उस समय लोग कपड़े की थैली लेकर जाने लगे थे बाजार
उस दौरान शहर में काफी जागृति आई थी और लोगो ने कैरीबैग का उपयोग शुरू कर दिया था। शहरवासी घर से कपड़े का थैला लेकर निकलना आरंभ हो गए हैं। डॉ. पुरोहित ने बताया कि उनका संकल्प यही था कि शहर में नागरिक प्लास्टिक का उपयोग बहुत कम से कम करें। अनिवार्य आवश्यकताओं को छोड़कर प्लास्टिक का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए। प्लास्टिक ना केवल आम लोगों के लिए अपितु मुक पशु-पक्षियों के लिए भी अति घातक है। इसके कारण कई पशु असमय काल का ग्रास बन जाते हैं।
पर्यावरण और जनजीवन के लिए नुकसानदायक प्लास्टिक
कुल मिलाकर प्लास्टिक का बढ़ता उपयोग पर्यावरण के साथ-साथ जनजीवन के लिए नुकसानदायक है इससे मुक्त होकर शहरवासी प्रधानमंत्री श्री मोदी के सपनो को साकार करे। डॉ. पुरोहित ने श्री मोदी के प्रति कृतज्ञता जताते हुए कहा कि सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध और पॉलिथीन के उपयोग पर कम से कम करने का जो अभियान राष्ट्रीय स्तर पर चलाया गया है, वह आने वाले समय के लिए वरदान हो सकता है।