भारत का संविधान लचिला भी है और कठोर भी : डॉ. इन्दु कटारिया
🔳 “भारतीय संविधान” विषय पर हुआ व्याख्यान
हरमुद्दा
रतलाम, 22 नवंबर। विश्व के विभिन्न संविधानों के स्वरूप से ओतप्रोत व सारांश के रूप में भारतीय संविधान निर्मित है। संविधान निर्मात्री समिति द्वारा बहुत ही सूझबूझ से संविधान बनाया है, जो लचिला भी है और कठोर भी है। वह कार्यपालिका, न्यायपालिका एवं व्यवस्थापिका में परस्पर सामंजस्य बैठाकर सरकार चलाने में सहयोग प्रदान करता है।यह विचार राजनीति विज्ञान की प्राध्यापक डॉ. इंदु कटारिया ने व्यक्त किए। डॉ. कटारिया, शासकीय कला एवं विज्ञान महाविद्यालय रतलाम के व्यक्तित्व विकास प्रकोष्ठ के तत्वावधान में “भारतीय संविधान” विषय पर आयोजित व्याख्यान में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित थीं।
बताई संविधान की महत्ता एवं विशेषताएं
डॉ. कटारिया ने भारत के संविधान की महत्ता एवं विशेषताएं, अतीत एवं वर्तमान में संविधान का स्वरूप एवं उसके निर्माण की प्रक्रिया आदि पर बहुत ही सार गर्भित व्याख्यान दिया।
यह थे उपस्थित
कार्यक्रम में डॉ. स्वाति पाठक, डॉ. अंजला सिंगारे, डॉ. शकुन्तला जैन, डॉ. राधा वास्केल, डॉ. कृष्णा अग्रवाल एवं विद्यार्थी उपस्थित थे। संचालन व्यक्तित्व विकास प्रकोष्ठ प्रभारी डॉ. रामकुमार मौर्य ने करते हुए आभार माना।