उच्च न्यायालय ने की बलात्कारी और हत्यारे सौतेले पिता को मृत्युदंड देेने की पुष्टि

🔳 उच्च न्यायालय खण्डपीठ इंदौर में हुई अपील
हरमुद्दा
रतलाम,22 नवम्बर। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ ने जावरा में सत्र न्यायालय द्वारा बलात्कार और हत्या के आरोपों में दोषी ठहराए गए सौतेले पिता को फांसी देने के फैसले की पुष्टि कर दी है। विशेष न्‍यायाधीश पॉक्‍सो एवं द्वितीय अपर सत्र न्‍यायाधीश जावरा ओम प्रकाश बोहरा ने 17 दिसंबर 2018 को अभियुक्‍त को दोहरे मृत्‍युदंड की सजा सुनाई थी।

अभियोजन मीडिया सेल प्रभारी शिव मनावरे ने बताया कि अभियुक्त अपनी 5 वर्षीय सौतेली बेटी के साथ क्रूरतापूर्वक मारपीट कर बार-बार बलात्कार करता था। अपराधी बलात्कार करते समय बालिका की माँ का भी मुंह और हाथ बांध देता था। माँ के द्वारा विरोध करने पर उसके साथ क्रूरतापूर्वक मारपीट करता था। अंतिम बार अभियुक्‍त द्वारा  21 अप्रैल 2018 की रात्रि 10:30 बजे बलात्कार किया गया।
उसी दिन लागू हुआ था ऑर्डिनेंस
उसी दिन 12 वर्ष से कम उम्र की बालिका के साथ बलात्कार के अपराध के लिए मृत्युदंड की विधि बंनाने वाला आर्डिनेंस लागू हुआ था। अभियुक्‍त की इस पाश्‍विकता के कारण जब बालिका बीमार हो गयी और माँ ने उसे अस्पताल ले जाने की जिद्द की, तो उसे अस्पताल ले जाने पर इस घिनोने अपराध की जानकारी डॉक्टर को न हो जाए, ऐसा सोचकर अभियुक्‍त ने 23 अप्रैल 2018 को बालिका का गला दबाकर माँ के सामने ही मार डाला और उसे दफनाने के लिए कब्रिस्तान ले जाने लगे। पड़ोसी ने इसपर माँ-बेटी की चीखें सुनकर 100 डायल पर फोन कर पुलिस को सूचना दी कि पोस्टमार्टम करा लीजिये बालिका स्वाभाविक मौत नहीं मरी हैं।
 माँ की गोद में भी सुरक्षित नहीं मासूम
पुलिस ने बाद में जनाजा रोक कर पीएम करवाया, तो बलात्कार और गला घोंटकर मार देने के अपराध की बात प्रकट हुई। मासूम बच्ची अपनी माँ की गोद मे भी सुरक्षित नहीं थी। पिपलोदा थाने के इस प्रकरण का पुलिस ने अनुसंधान कर विशेष न्‍यायाधीश पॉक्‍सो एवं द्वितीय अपर सत्र न्‍यायाधीश जावरा जिला रतलाम में चालान पेश किया था, जहाँ 17 दिसंबर 2018 को अभियुक्‍त को दोहरे मृत्‍युदंड की सजा सुनाए जाने के बाद उच्च न्यायालय खण्डपीठ इंदौर में अपील की गई थी। उच्च न्यायालय ने 18 नवम्‍बर 2019 को फैसले की पुष्टि की है। इस प्रकरण में विचारण न्‍यायालय जावरा में अभियोजन की ओर से डीडीपी एसके जैन द्वारा पैरवी की गई। उक्‍त पैरवी में एडिशनल डीपीओ विजय पारस एवं एडीपीओ सुश्री सीमा शर्मा का विशेष सहयोग रहा था।

 

 

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