15 दिन के काम में 6 महीने और 3 महीने के काम मे क्यों लगते है 2 साल, सुधारे आदत : संभागायुक्त

🔳 राजस्व प्रकरण दो से तीन माह में हो जाने चाहिए निराकृत 

🔳 सख्त हिदायत दी अनावश्यक विलंब ना हो प्रकरणों में
हरमुद्दा
रतलाम, 23 नवंबर। शनिवार को संभागीय बैठक कमिश्नर अजीत कुमार ने कहा कि जो राजस्व प्रकरण दो से तीन माह में निराकृत हो जाने चाहिए। उन प्रकरणों के निराकरण में एक से दो वर्ष का समय लग रहा है। यह उचित नहीं है। कोई भी प्रकरण अनावश्यक लम्बित न रहे। जो प्रकरण नायब तहसीलदार कोर्ट में आते हैं, उसके पश्चात प्रकरण तहसीलदार कोर्ट तक जाने में समय ना लगे। कमिश्नर ने कहा कि वर्तमान में आरआई की रिपोर्ट जो 15 दिन में आ जानी चाहिए, वह छह माह में आती है। पटवारी स्तर से जो रिपोर्ट दो माह में आ जानी चाहिए, वह रिपोर्ट एक वर्ष तक में आती है। यह आदत ठीक नहीं है इसे सुधारें। सभी राजस्व अधिकारी राजस्व प्रकरण को गंभीरता से लें।


कमिश्नर अजीत कुमार ने शनिवार को राजस्व अधिकारियों की संभागीय समीक्षा बैठक ली।

पास पास होते हैं कमरे फिर भी सालों तक नहीं पहुंचती रिपोर्ट

कमिश्नर ने सख्त हिदायत दी कि नायब तहसीलदार से तहसीलदार तक प्रकरण आने में एवं उक्त प्रकरण एसडीएम तक पहुंचने में अनावश्यक विलम्ब न हो। तहसीलदार एवं एसडीएम के कक्ष पास-पास होते हैं फिर भी राजस्व प्रकरण एवं जांच रिपोर्ट एक कक्ष से दूसरे कक्ष तक आने में एक से दो वर्ष का समय लेती है। यह कृत्य क्षम्य नहीं है।

प्रकरणों को गंभीरता से ले राजस्व अधिकारी

कमिश्नर ने कहा कि प्रदेश के मुख्य सचिव स्वयं राजस्व प्रकरणों की समीक्षा करते हैं। इसके लिए समय-समय पर बैठक कर निर्देश जारी करते हैं, अत: सभी राजस्व अधिकारी राजस्व प्रकरण को गंभीरता से लें। अनावश्यक टालमटोल न करें। कोई भी प्रकरण रिपोर्ट के इंतजार में अनंतकाल तक लम्बित न रहे।

यह ना कहीं की रिपोर्ट नहीं आई, करें अपने अमले को दुरस्त

कमिश्नर ने कहा कि सभी राजस्व अधिकारी यह बात सुनिश्चित कर लें कि कोई भी एसडीएम ये ना कहे कि तहसीलदार से रिपोर्ट नहीं आई और कोई भी तहसीलदार ये ना कहे कि नायब तहसीलदार या आरआई व पटवारी से रिपोर्ट नहीं आती है, इसलिये प्रकरण लम्बित रहते हैं। कमिश्नर ने निर्देश दिये कि सभी राजस्व अधिकारी अपने अमले को दुरूस्त करें और यह सुनिश्चित करें कि उनका अमला उनके निर्देशों का शत-प्रतिशत पालन करता हो।

लंबित प्रकरणों की हुई समीक्षा

बैठक में उन्होंने एक वर्ष से दो वर्ष तक के लम्बित राजस्व प्रकरणों जैसे- सीमांकन, बंटवारा, वसीयत, नक्शा दुरूस्ती, नामांकन आदि से सम्बन्धित लम्बित प्रकरणों की समीक्षा की। बैठक में उन्होंने सभी एसडीएम, तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार के एक से दो वर्ष तक के तीन-तीन लम्बित राजस्व प्रकरणों की अपने समक्ष समीक्षा की।

सभी से बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद

कमिश्नर ने कहा कि सभी राजस्व अधिकारी अपना प्रदर्शन बेहतर करें। राजस्व प्रकरण के निराकरण में बेहतर क्षमता, सूझबूझ एवं निराकरण में बेहतर प्रदर्शन करें।

यह थे मौजूद

बैठक में रतलाम कलेक्टर रुचिका चौहान सहित संभाग के अन्य जिला कलेक्टर्स, अपर आयुक्त श्री कतरोलिया, समस्त एसडीएम, तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार उपस्थित थे।

 

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