जून 2020 तक बाल श्रम और बंधक श्रम से मुक्त होगा प्रदेश : श्रम मंत्री सिसोदिया
🔳 5 हजार बाल श्रमिकों को कराएंगे मुक्त
🔳 स्वयंसेवी संस्थाओं का भी लिया जाएगा सक्रिय सहयोग
हरमुद्दा
भोपाल, 25 नवंबर। श्रम मंत्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया ने कहा कि राज्य सरकार अपने वचन पत्र के मुताबिक प्रदेश में बाल श्रम एवं बंधक श्रम की सामाजिक कुरीति समाप्त करने के वचन को पूरा करने के लिये दृढ़-संकल्पित है। जून 2020 तक प्रदेश को बाल श्रम और बंधक श्रम की कुरीतियों से मुक्त करवा दिया जाएगा।
श्री सिसोदिया ने सोमवार को आरसीव्हीपी नरोन्हा प्रशासन एवं प्रबंधकीय अकादमी में राज्य-स्तरीय मध्यप्रदेश बाल श्रम उन्मूलन कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए यह जानकारी दी।
कुरीतियों को समाप्त करने के लिये कार्य-योजना बनाएं अधिकारी
श्रम मंत्री श्री सिसोदिया ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इन कुरीतियों को समाप्त करने के लिये कार्य-योजना बनाएं। कार्य-योजना में प्रत्येक जिले के लिये निर्धारित लक्ष्य की समय-सीमा में पूर्ति की सुनिश्चित व्यवस्था की जाए।
6 माह में 5 हजार बाल श्रमिकों को मुक्त कराने का लक्ष्य
प्रदेश में हाल ही में 211 बाल श्रमिकों को मुक्त कराया गया है। आगामी 6 माह में 5 हजार बाल श्रमिकों को मुक्त कराने का लक्ष्य निर्धारित है।
स्वयंसेवी संगठनों को भी करेंगे सक्रिय
श्रम मंत्री ने अधिकारियों से कहा कि सिर्फ कानून बनाने से बाल श्रम उन्मूलन की समस्या समाप्त नहीं होगी। इसके लिये राज्य सरकार के साथ स्वयंसेवी संगठनों को भी सक्रिय रूप से जमीनी स्तर पर कार्य करना होगा। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री कमल नाथ ने बाल श्रम और बंधक मजदूरी को समाप्त करने के लिए सख्त निर्देश दिए हैं। प्रमुख सचिव अशोक शाह ने भी कार्यशाला को संबोधित किया। श्रम विभाग द्वारा पॉवर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी गई।
यह थे मौजूद
इस अवसर पर यूनिसेफ के प्रतिनिधि माईकल जुमा, श्रम आयुक्त आशुतोष अवस्थी तथा विधि-विधायी कार्य, पुलिस, महिला-बाल विकास, श्रम विभाग के सभी जिला अधिकारी और स्वयंसेवी संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।