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सरकार की नाकामी के चलते बढ़ रहे हैं समाज में कु संस्कार : श्री दिव्यानंद सूरीश्वरजी जी मसा “निराले बाबा”

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🔳पक्षियों के लिए उन्हेल में शीघ्र बनेगा पक्षी हॉस्पिटल

🔳 रतलाम में भी होंगे पक्षी हॉस्पिटल के प्रयास

🔳 समाजसेवा के कई प्रकल्प अनुकरणीय

हरमुद्दा
रतलाम, 6 दिसंबर। सरकार की नाकामी के चलते समाज में कु संस्कार बढ़ रहे हैं। टीवी पर अश्लील विज्ञापन सहित अन्य दृश्यों के माध्यम से बच्चों के मन पर बुरा असर हो रहा है। नतीजतन हैदराबाद जैसी घटनाएं घटित हो रही है। सरकार को चाहिए कि ऐसे विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाएं। इसके साथ ही परिजनों की भी जिम्मेदारी है कि वे बच्चों को संतों के सान्निध्य में संस्कार के लिए ले जाएं, ताकि वे उसे संस्कारित बन सके। नारी शक्ति का सम्मान कर सकें।

यह बात श्री दिव्यानंद सूरीश्वरजी मसा. “निराले बाबा” ने शुक्रवार की शाम को पत्रकारों से चर्चा के दौरान कही। संत श्री का उन्हेल में चातुर्मास के पश्चात शुक्रवार सुबह रतलाम में पहली बार मंगल प्रवेश हुआ। संत श्री ने कहा कि संयम जीवन के 25 साल पूर्ण कर लिए हैं, मगर पहली बार उन्हें रतलाम में सुकून मिला है। यहां का सभी में तालमेल बहुत बढ़िया है। धर्म और आस्था है।

पक्षियों के लिए उन्हेल में शीघ्र बनेगा पक्षी हॉस्पिटल

संतश्री ने बताया कि उन्हेल में दानदाता के सहयोग से भूमि मिल गई है, जहां पर पक्षियों के लिए हॉस्पिटल बनेगा। पशुओं के लिए तो हॉस्पिटल सरकार बनाती है। लेकिन पक्षियों के लिए नहीं। पंजाब और राजस्थान में पक्षियों के लिए हॉस्पिटल बनवा चुके हैं। इसीलिए हमने यह प्रकल्प भी शुरू किया है। उल्लेखनीय है कि हमारे देवी-देवताओं का वाहन पक्षी और पशु ही हैं। अतः उन्हें भी उपचार मिलना चाहिए। रतलाम में भी समाजसेवी और दानदाताओं की कमी नहीं है। मोतीलाल गुगलिया सहित अन्य जन चाहेंगे तो यहां पर भी शीघ्र ही पक्षियों के लिए हॉस्पिटल की शुरुआत हो सकेगी।

सरकार चाहे तो है संभव

संत श्री ने कहा कि सरकार चाहे तो सब कुछ संभव है। अभी पॉलीथिन पर प्रतिबंध लगाया है। इसी तरह से ऐसे फूहड़ विज्ञापनों पर प्रतिबंध होना चाहिए। सेंसर बोर्ड को अपना कार्य करना चाहिए ताकि समाज में संस्कार और सुधार हो सके।

देश की महिलाएं बने सबल

प्रश्न के उत्तर में संत श्री ने कहा कि युवाओं की विकृत मानसिकता का ही परिणाम हैदराबाद की घटना है। हैवानियत की हद कर दी है, जबकि देश में दुर्गा, लक्ष्मी, सरस्वती, वैष्णो देवी आदि की पूजा करते हैं और नारी का सम्मान नहीं करते हैं। यह उचित नहीं है महिलाओं को सशक्त होकर सामाजिक कार्य में आगे आना चाहिए। उन्हें बोल्ड होकर सामाजिक कार्य करने चाहिए, ताकि दरिंदों को सबक सिखाया जा सके। हमने तो साध्वियों सतियां जी को भी ऐसे प्रशिक्षण दिए हैं कि वह अपनी आत्मरक्षा स्वयं कर सकें। विहार के दौरान उनके साथ भी अनेक घटनाएं हो चुकी हैं। गुजरात के सूरत में शिक्षा प्रणाली को विकसित किया गया है। ताकि बालिकाओं व महिलाओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण देश में शुरू हो सके। हर घर-घर में आत्मरक्षा की शिक्षा जरूरी है। स्कूल कॉलेज में भी आत्मरक्षा का प्रशिक्षण देने के लिए प्रेरित किया है।

धर्म जोड़ता है तोड़ता नहीं

संत श्री ने कहा कि मिशन समन्वय की शुरुआत भी की गई है। इसमें यह बताया गया है कि धर्म इंसान को जोड़ता है, तोड़ता नहीं। इस प्रकल्प से समरसता उत्पन्न हो रही है। बरनाला में एक मंदिर बना है जहां पर सभी धर्मों के भगवान की प्रतिमा स्थापित है। यह आपसी तालमेल का संदेश देता है।

नि: संतान दंपतियों को दिए हैं बच्चे

संत श्री ने बताया कि सेवा के कई सारे प्रकल्प चल रहे हैं बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान के साथ ही फरीदकोट में “राधा कृष्ण धाम” भी बनाया गया है जो कि 16 साल से चल रहा है। यहां पर अब तक 6000 से अधिक ऐसे बच्चों को नि:संतान दंपतियों को सौंपा गया है जिन्हें परिजन बच्चों के जन्म लेते ही छोड़ गए थे।

अयोध्या मंदिर को लेकर कुरुक्षेत्र में है बैठक

आगामी कार्य योजना के बारे में संत श्री में बताया कि रतलाम से जाने के बाद कुरुक्षेत्र में अयोध्या में बनने वाले श्री राम मंदिर निर्माण को लेकर बैठक हो रही है। उस बैठक में संत समाज शामिल होगा।

यह थे उपस्थित

पत्रकार वार्ता के दौरान मोतीलाल गुगलिया, कोठारी, लाभचंद मूणत, हर्ष खाबिया, आशीष डागा सुनील पारिख आदि उपस्थित थे।

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