सम्मान पाकर गद-गद हुए पूर्व सैनिक

🔳 1971 के वीर जवानों का विजय दिवस पर सम्मान

हरमुद्दा
शाजापुर, 16 दिसंबर। भारत – पाकिस्तान के युद्ध में दुश्मनों के दॉत खट्टे कर देने वाले हम सेवा निवृत्त सैनिको को पहली बार किसी कार्यक्रम में बुलाया गया है, इससे आँखे भर आई है और मन प्रफुल्लित हुआ है।

विजय दिवस पर आयोजित इस कार्यक्रम के लिए राज्य शासन बधाई की पात्र है, जिसने पहली बार इतना भव्य कार्यक्रम करवाकर हम सैनिको को मान – सम्मान दिलवाया है।

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शजापुर जिले से सन 1971 के भारत और पाकिस्तान के युद्ध में भाग लेने वाले सेवा निवृत सैनिक किशोरीलाल, कमलेश नारायण माथुर एवं रामगोपाल ने यह बाते ‘‘ विजय दिवस ‘‘ कार्यक्रम के दौरान कही।

शब्द नहीं हमारे पास

इस दौरान तीनों सैनिको ने सम्मान पाकर सजल नेत्रों से बताया कि जिस आंखों में दुश्मन की गोलिया, गोले डर नहीं ला पाए वे आंखें आज सम्मान पाकर क्यों गीली है, इसको वे शब्दो में बाया नहीं कर सकते है।

रात-रात में आगे बढ़ते और दुश्मन के दांत करते खट्टे

इस दौरान सन 1971 के युद्ध लड़े भारत माता के वीर सपूत किशोरीलाल, कमलेश नारायण माथुर एवं रामगोपाल ने बताया कि युद्ध के दौरान रात-रात में आगे बढ़ते थे और दुश्मन के दांत खट्टे करते थे। 3 दिसम्बर 1971 को शुरू हुआ युद्ध 16 दिसम्बर 1971 को समाप्त हुआ। भारतीय सेना ने प्रबल शौर्य का प्रदर्शन किया। इसका परिणाम था कि पाकिस्तान की सेना ने आत्म समर्पण कर दिया। उन्होंने कहा कि अपनी इच्छा व्यक्त करते हुए बताया कि वे आज भी भारत माता की सेवा के लिये तैयार है। अगर आज भी देश की रक्षा के लिए उन्हें कभी बुलावा आएगा तो वे हाथो में बन्दूक लेकर अभी भी सीमा पर जाने को तैयार है।

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