काबिल महिलाओं के हाथों प्रतिभावान बेटियां हुई पुरस्कृत

🔳 महिला एवं बाल विभाग द्वारा बिटिया सम्मान समारोह

🔳 10वीं व 12वीं की प्रावीण्य सूची में स्थान प्राप्त करने वाली बेटियों का हुआ सम्मान

🔳 कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक ने आयोजन में की” मन की बात”

🔳 नन्हे बच्चों के बीच कलेक्टर ने मनाया जन्मदिन

हरमुद्दा
रतलाम, 20 दिसंबर। शुक्रवार को जिले की काबिल महिलाओं के हाथों प्रतिभावान बेटियों का सम्मान किया गया। कलेक्टर रुचिका चौहान, पुलिस अधीक्षक गौरव तिवारी, सहायक कलेक्टर तपस्या परिहार, महापौर सुनीता यार्दे, नगर निगम नेता प्रतिपक्ष यास्मीन शेरानी, जनभागीदारी समिति अध्यक्ष प्रेमलता दवे ने सम्मान किया। कलेक्टर ने नन्हे बच्चों के बीच अपना जन्मदिन केक काटकर मनाया।

महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा बरवड़ स्थित विधायक सभागृह में बिटिया सम्मान समारोह का 9आयोजन किया गया। विभाग द्वारा “बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ” विषय पर आयोजित पोस्टर प्रतियोगिता के पोस्टर भी आयोजन स्थल पर प्रदर्शित किए गए।

पौष्टिक टोकरी से किया स्वागत व सम्मान

मंचासीन अतिथियों का स्वागत महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी सुनीता यादव ने पौष्टिक टोकरी देकर किया। सहायक संचालक अंकिता पंड्या ने बेच लगाकर सम्मान किया। स्वागत उद्बोधन जिला कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती यादव ने दिया। सहायक संचालक अंकिता पंड्या ने कार्यक्रम की रूपरेखा एवं कार्य योजना के बारे में जानकारी दी। संचालन प्रेरणा तोगड़े ने किया।

प्रतिभावान छात्राओं का किया सम्मान

मंचासीन अतिथियों ने कक्षा बारहवीं की 16 तथा दसवीं की 13 प्रतिभावान छात्राओं का सम्मान पांच-पांच हजार का चेक देकर किया।

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आयोजन में श्रेष्ठ कार्य करने पर महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रेरणा तोगड़े, एहतेशाम अंसारी, भावना अरोरा, वनिता सिंधु, यशोदा परिहार का भी सम्मान प्रमाण पत्र देकर किया गया। बेटियों के जन्म पर उनके घर निशुल्क बैंड बजाने वाले पायल बैंड दल पलसोड़ा के कलाकारों का सम्मान किया। इस दौरान बैंड दल के सदस्यों ने कलेक्टर के सम्मान में हैप्पी बर्थडे टू यू धुन बजाई।

बच्चों के साथ जन्मदिन मनाया कलेक्टर ने

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आयोजन में बच्चों की मौजूदगी में
“बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ” से सुसज्जित केक को कलेक्टर रुचिका चौहान ने काटकर जन्मदिन मनाया। इस अवसर पर श्रीमती यादव, श्रीमती दवे, श्रीमती शेरानी सहित अन्य ने कलेक्टर को केक खिलाकर जन्मदिन की बधाई शुभकामनाएं दी। अंत में गुब्बारे उड़ाकर खुशी व्यक्त की।

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जरूरत बेटियों को पढ़ा कर आगे बढ़ाने की

मां के गर्भ में शिशु की स्थिति जांचने के लिए भ्रूण परीक्षण शुरू हुआ। ताकि गर्भ में उपचार किया जा सके, लेकिन यह बात सही है कि जब से भ्रूण परीक्षण शुरू हुआ, तब से बेटे-बेटियों के जन्म में अंतर आने लगा। तब सरकार ने बेटी बचाओं-बेटी पढाओं अभियान की शुरुआत की। वर्तमान में बेटियों को आगे बढ़ाने की जरूरत है।
🔳 सुनीता यार्दे, महापौर, नगर निगम रतलाम

बेटी की प्रतिभा का जाने और आगे बढ़ाएं

अपने बच्चों को पढ़ा लिखा कर काबिल बनाए। बेटे-बेटियों में अंतर न रखें। बेटियां भी उतनी ही जिम्मेदार है जितनी की बेटे हैं। इसलिए अपनी बेटियों की प्रतिभाओं को पहचाने और उन्हें आगे बढ़ाएं।
🔳 प्रेमलता दवे, अध्यक्ष, जनभागीदारी समिति कन्या महाविद्यालय, रतलाम

सकारात्मक नजरिया और सोच है बेटियों के लिए

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बेटियों को पढ़ाने और आगे बढ़ाने के लिए बहुत सारी योजनाएं शुरू की है। कन्यादान योजना की राशि भी बढ़ाकर 51 हजार कर दिए हैं। जननी सुरक्षा में भी ₹21000 दिए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री जी का बेटियों के प्रति सकारात्मक नजरिया और सोच है।
🔳 यास्मीन शेरानी, नेता प्रतिपक्ष, नगर निगम, रतलाम

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कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक ने आयोजन में की मन की बात

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सौभाग्यशाली के यहां होती है बेटियां

हम 6 भाई बहन हैं। पांच बहन और एक भाई है। मैं सबसे छोटी हूं। इसके बाद भी पिताजी कहते कि बेटियां मेरी नंबर वन है बेटा तो ठेंगा है ठेंगा। बेटा कोई काम का नहीं है। मेरी बेटियां मेरा गर्व है। जो सौभाग्यशाली होता है, उन्हीं के घर बेटियों का जन्म होता है और जो भाग्यवान होता है, उसके यहां बेटा होता है। आप सभी महिलाएं हैं इसलिए मैं आपसे कहना चाहती हूं कि अपने सभी बच्चों को पढ़ाएं लिखाएं। संस्कारित व काबिल बनाएं ताकि परिवार और समाज में आपका नाम रोशन हो। आप सब ने जो बधाइयां दी है, उसके लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।
🔳 रुचिका चौहान, कलेक्टर

बेटी को देखकर मिट जाती है थकावट

मंचासीन सभी महिलाएं आप सबके लिए प्रेरणा और प्रोत्साहन की पात्र हैं। इनसे सीख ले कर अपने जीवन में आगे बढ़े। देशभर में अपना नाम कमाएं। 2015 में जब में बेटी का पिता बना तो मेरे जीवन में बदलाव आ गया। खुशियां ही खुशियां आ गई। जब बेटी का पिता बना तो इंसानों का दुख दर्द समझ में आया। एक तरीके से बेटी भगवान का रूप है। उसको देखते ही सारी थकावट मिट जाती है। अतः बेटियों को कम समझने की गलती ना करें। आप सभी महिलाएं अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह करें। बेटियों के जीवन में निखार लाएं।
🔳 गौरव तिवारी, पुलिस अधीक्षक

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