विषम परिस्थितियों में हमारे राष्ट्र रक्षक सैनिक रहते हैं मुस्तैद : मागरौदा

🔳 राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का तीन दिवसीय शीतकालीन बाल शिविर शुरू

हरमुद्दा
रतलाम, 27 दिसंबर। किस प्रकार विषम परिस्थितियों में हमारे राष्ट्र रक्षक सैनिक हमें सुरक्षित रखने के लिए माईनस तापमान में मुस्तैद है। वे हमारी रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति तक देने में पीछे नहीं हटते। यह बात बाल शिविर के उद्घाटन सत्र के अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के रतलाम विभाग के संघचालक तेजराम मागरौदा ने कही। इस अवसर पर जिला संघ चालक वीरेन्द्र वाफगांवकर मन्चासिन थे। दीप प्रज्वलन के बाद गीत व अमृत वचन हुए।

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उनमें देश भक्ति बालपन से मन मैं जागी

बाल शिविर में उपस्थित स्वयंसेवकों को श्री मागरौदा ने कहा कि हमारे देश को आजादी दिलाने के लिए कई महापुरुषों ने अपने प्राणों की आहुति दी है। ऐसे कई महापुरुष हुए जो जनता में जाग्रति लाना चाहते थे। ऐसे एक महापुरुष का जन्म 1 अप्रैल 1889 रविवार को हुआ नाम डॉ. केशव राव बलीराम हेडगेवार था, बालक केशव जब बचपन में पढ़ने स्कूल जाते थे। तब एक दिन महारानी विक्टोरिया के जन्मदिन पर स्कूल में मिठाइयों का वितरण हुआ। बालक केशव को भी मिठाई मिली, लेकिन उन्होंने उस मिठाई को खाया नहीं और उसे कचरे में फेंक दिया। उनके मन में यह विचार आया कि जो हमारे देश को गुलाम करने वाले महारानी विक्टोरिया का जन्मदिन मना रहे हैं, उससे हम कैसे खुश हो सकते हैं। यही देश भक्ति बालपन से मन मैं जाग गई। उस अटूट संकल्प के साथ उन्होंने उस मिठाई को नहीं खाया। जिन्होंने जन्मजात देशभक्ति का प्रमाण देकर बचपन से ही समाज और राष्ट्र हित के लिए कार्य किए और संघ की स्थापना की।

शिविर में सीख रहे हैं सबक

जिला प्रचार प्रमुख विवेक जायसवाल ने बताया की काटजु नगर रतलाम स्थित सरस्वती शिशु मंदिर में आयोजित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तीन दिवसीय शीतकालीन बाल शिविर में खेलकूद, बौद्धिक व विभिन्न प्रतियोगिताओं के माध्यम से बाल स्वयंसेवक अनुशासन और राष्ट्रभक्ति का सबक सीख रहे हैं। प्रातः 5 बजे जागरण होता है। इसके बाद एकात्मता स्रोत के जरिए भारत के पर्वतों, नदियों और चारों धाम का स्मरण कराया जा रहा है। पश्चात विद्यालय के खेल मैदान में प्रभात शाखा के जरीए विभिन्न शारीरिक गतिविधियां संचालित की जा रही हैं।

बाल स्वयंसेवकों में उत्साह

शिविर में जिलेभर से बाल स्वयंसेवक शामिल हुए हैं। इन्हें प्रशिक्षित स्वयंसेवकों द्वारा अनुशासन, नैतिकता और समाजसेवा के बारे में सिखाया जा रहा है। दिनभर बौद्धिक सत्र, चर्चा सत्र, स्वल्पाहार, भोजन आदि कार्यक्रमों पश्चात रात्रि 10 बजे दीप विसर्जन कार्यक्रम होता है। संघ की समय पाबंद समय रचना प्रशिक्षण मिल रहा है। स्वयंसेवकों में उत्सुकता है। बाल स्वयंसेवकों का उत्साह देखते ही बनता है।

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