तारापुर की ठप्पा छपाई का विश्व में है ठप्पा
🔳 दाबु, इंडिगो प्रिंट में ड्रेस मटेरियल
🔳 रोटरी हाल पर मध्यप्रदेश हस्तशिल्प प्रदर्शनी एवं मेला
हरमुद्दा
रतलाम, 1 जनवरी । जिले के जावद तहसील के ग्राम तारापुर में लगभग 500 साल पुरानी ठप्पा छपाई विश्व में विख्यात हो गई है। यहां विभिन्न प्रकार के ड्रेस मटेरियल पर मिट्टी और प्राकृतिक सामग्री के बने रंगों से ठप्पा छपाई की जाती है और स्वास्थ्य के साथ ही पर्यावरण के अनुकूलता भी इस प्रकार के बने वस्त्रों में होती है। जिसकी मांग देश-विदेश में की जा रही है।
रोटरी हाल अजंता टॉकिज रोड रतलाम पर मध्यप्रदेश हस्तशिल्प हथकरघा विकास निगम द्वारा प्रदर्शनी एवं मेले का आयोजन किया जा रहा है। मेले में प्रदेशभर के शिल्पियों की कई कलाकृतियां तो है ही साथ ही तारापुर की ठप्पा छपाई में उपलब्ध साड़ियां ड्रेस मटेरियल बेडशीट स्टॉल जैसी कई सामग्री विभिन्न प्रकार की आकर्षक डिजाइन में उपलब्ध है।
काफी पुराना ठप्पा छपाई का इतिहास
ठप्पा छपाई का इतिहास काफी पुराना है और आज भी मिट्टी और वनस्पति के रंगों से जो कलर डिजाइन वाले ठप्पे से किए जाते हैं। वे अनूठे है। इस प्रकार तैयार किए जाने वाले कपड़े बहुत ही आकर्षक शादी, पार्टी एवं आम दिनों में सभी जनमानस की पसंद के अनुकूल होते हैं। यही कारण है कि मृगनयनी के महानगरों में संचालित विभिन्न शोरूम पर इस प्रकार के वस्त्रों की खूब पसंद किए जाते हैं और इनकी गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए खूब मांग रहती है। मेले में दाबु और इंडिगो प्रिंट जो नील के पौधे के बने रंग से डिजाइन किए गए हैं, उनकी भी मांग बराबर बनी हुई है।
रविवार तक रहेगा मेला
मेला प्रभारी दिलीप सोनी ने बताया कि मेला रविवार तक दोपहर 12:00 से रात 9:00 बजे तक जारी है और सैकड़ों प्रकार के आइटम नीमच की जनता की पहुंच में विभिन्न प्रदेशों के शिल्पी लेकर आए हैं।