निजी सेक्टर के कर्मचारियों के लिए श्रम मंत्रालय बना रहा नई खास योजना
🔳 अवकाश के संबंध में नए नियम हो सकते हैं लागू
🔳 मातृत्व की तरह पितृत्व अवकाश भी मिल सकता है 26 सप्ताह का
🔳 देश में अधिकांश कंपनियां नहीं दे रही है कर्मचारियों को यह सुविधा
हरमुद्दा
नई दिल्ली, 2 जनवरी। श्रम मंत्रालय ने देशभर के निजी सेक्टर में कार्य करने वाले पुरुष कर्मचारियों के लिए पितृत्व अवकाश के मसले पर अलग से नेशनल पॉलिसी बनाने की तैयारी कर ली है। योजना के तहत डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग और इंडस्ट्री के साथ इस मुद्दे पर बातचीत भी हुई है। सरकार के साथ इंडस्ट्री और ट्रेड यूनियनों की त्रिपक्षीय बैठक होगी। इसकी रूपरेखा पर चर्चा की जाएगी।
सूत्रों के मुताबिक फिलहाल देश में पितृत्व अवकाश के मसले पर कोई नेशनल पॉलिसी नहीं है। अभी केंद्रीय कर्मचारियों को 15 दिन पितृत्व अवकाश देने का प्रावधान है। इसी तर्ज पर कुछ निजी कंपनियां अपने कर्मचारियों को 15 दिन पेड लीव दे रही हैं। हालांकि निजी सेक्टर की कुछ कंपनियां इससे कम भी दिन लीव देती हैं। ज्यादातर निजी सेक्टर की कंपनियां ये बेनिफिट्स अपने पुरुष कर्मचारी को नहीं दे रही हैं।
श्रम मंत्रालय की मंशा कानून का रूप देने की
श्रम मंत्रालय ली मंशा है कि इसे एक कानून का रूप दिया जाए। इसे पॉलिसी के तौर पर लाया जाए ताकि सभी निजी सेक्टर में काम करने कर्मचारियों को इसका बेनिफिट्स मिले। इसके साथ ही 15 दिन की सीमा को बढ़ाई जाए।
26 सप्ताह का अवकाश संभव नहीं
इस मुद्दे पर इंडस्ट्री से जुड़े सूत्रों का कहना है कि मातृत्व अवकाश के तर्ज पर इसे बढ़ाकर 26 हफ्ते नहीं किया जा सकता है, क्योंकि कुल वर्कफोर्स में पुरुष कर्मचारी की संख्या 70 फीसदी से ज्यादा है। ऐसे ज्यादा से ज्यादा इस लीव को बढ़ाकर एक महीने किया जा सकता है।
यह भी करने की है तैयारी ताकि मिले मौका
सरकार इस बात को लेकर भी तैयारी कर रही है कि पुरुष और महिला कर्मचारी के बीच छुट्टी के गैप को कम किया जाए ताकि निजी सेक्टर की कंपनियां महिला कर्मचारियों की भर्ती को लेकर प्रोस्ताहित हों।
फिलवक्त योजना की प्रक्रिया शुरुआती चरणों में
उल्लेखनीय है कि फिलवक्त यह पूरी प्रक्रिया अभी शुरुआती चरण में है। अभी कंसल्टेशन की प्रक्रिया आगे बढ़ने वाली है। बहुत कुछ इस बात पर निर्भर करेगा। निजी सेक्टर के साथ इंडस्ट्री इस मुद्दे पर कितना सकारात्मक भाव भाव रखती है।