नागरिकता संशोधन कानून : संवाद में नजर आई समरसता
नागरिकता संशोधन कानून : संवाद में नजर आई समरसता
🔳 वोटहित की राजनीति नहीं : विधायक काश्यप
🔳 विधायक ने 150 से अधिक समाज प्रमुख व प्रतिनिधियों से किया संवाद
हरमुद्दा
रतलाम, 5 जनवरी। नागरिकता संशोधन कानून को लेकर विधायक चेतन्य काश्यप ने अपने कार्यालय पर 150 से अधिक समाज प्रमुखों व प्रतिनिधियों से सीधा संवाद किया। संवाद के दौरान समरसता का वातावरण नजर आया। श्री काश्यप ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून सिर्फ नागरिकता देने का कानून है। इसे लेकर विपक्षी पार्टियां बेवजह भ्रम फैला रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार इस कानून के जरिए वोटहित की राजनीति नहीं कर रही, अपितु यह देशहित में उठाया गया कदम है।
भ्रम दूर करने के लिए जन जागरण अभियान
उन्होंने कहा कि देशभर में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर विपक्षी दल भ्रम फैला रहे है। इस भ्रम को दूर करने के लिए देश में जनजागरण अभियान आरंभ कर विभिन्न संगोष्ठियां, बैठक एवं महा मौन मार्च निकालने का निर्णय लिया गया है। 8 मार्च को रतलाम के आमजन हाथों में तिरंगा लेकर महा मौन मार्च में इस कदम के प्रति अपना समर्थन व्यक्त करेंगे। इसमें शहर के सभी समाजों की सहभागिता आवश्यक है। नागरिकता संशोधन कानून लागू होने से पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में प्रताड़ना झेल कर भारत आए शरणार्थी लाभान्वित होंगे। इन देशों से आए हिन्दू, जैन, सिख, बौद्ध, पारसी और इसाई धर्मावलम्बियों को नागरिकता दी जाएगी। इसके लिए सिर्फ 31 दिसम्बर 2014 तक भारत में प्रवेश ले चुके नागरिकों को पात्र माना गया है। यह कानून राष्ट्रपिता महात्मा गांधी द्वारा 26 सितंबर 1947 को व्यक्त उन भावों को भी पूरा करने वाला है, जिसमें उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान में रहने वाले हिंदू और सिख, हर नजरिए से भारत आ सकते है, अगर वे वहां निवास नहीं करना चाहते है। उस स्थिति में उन्हें नौकरी देना और उनके जीवन को सामान्य बनाना भारत सरकार का कर्तव्य है।
वादों पर केवल भारत उतरा खरा
श्री काश्यप ने कहा कि आजादी के बाद भारत और पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की रक्षा करने का वादा किया था, लेकिन सिर्फ भारत ही उस पर खरा उतरा। भारत में अल्पसंख्यकों की बढ़ती आबादी इसका जीवंत उदाहरण है। इसके विपरीत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में अल्पसंख्यक आबादी लगातार कम हुई है, जिससे साबित होता है कि इन देशों में अल्पसंख्यक सुरक्षित नहीं है। प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व मंे जब से सरकार बनी है, तब से कोई पक्षपातपूर्ण नीति अथवा योजना नहीं बनाई गई है। इससे पूर्व अटलजी के नेतृत्व में भी सरकार ने कभी भेदभाव की राजनीति नहीं की। देश के विकास में हर वर्ग का योगदान रहा है।
अधिक से अधिक सहभागिता करने की अपेक्षा
बैठक को आरंभ में माधव काकानी ने नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में शहर के सभी समाजों से जनजागरण अभियान में अधिक से अधिक सहभागिता करने की अपेक्षा की। संचालनकर आभार मनोहर पोरवाल ने माना।
वार्ड स्तर पर जनजागरण
विधायक चेतन्य काश्यप ने रविवार को वार्ड स्तर पर शहर के कई वार्डों के नागरिकों को जनसंगोष्ठियों में सम्बोधित कर नागरिकता संशोधन कानून की विशेषताओं से अवगत करवाया। उन्हांेने कहा कि यह कानून किसी भी दृष्टि से किसी समाज के खिलाफ नहीं है। विपक्षी दल देश में जो भ्रम फैला रहे है, उससे आम नागरिक भ्रमित नहीं हो और पाकिस्तान, बाग्लादेश और अफगानिस्तान से आए शरणार्थियों को देश की नागरिकता देकर सम्मानपूर्ण जीवन यापन का अवसर देने के इस निर्णय का भरपूर समर्थन करें।
यहां हुई जनसंगोष्ठियां
जनसंगोष्ठियों का आयोजन 80 फीट रोड स्थित वैशाली गार्डन, गांधी नगर स्थित नूरी मेरीज गार्डन, हाथीखाना स्थित राजपूत धर्मशाला, वेदव्यास कॉलोनी स्थित सूरजहॉल में किया गया।
यह थे मौजूद
इस दौरान जनसंगोष्ठी प्रभारी जयवंत कोठारी, बजरंग पुरोहित, मयूर पुरोहित अशोक पोरवाल, गोविंद काकानी, अभय जैन, संतोष बैरागी, रमेश बदलानी, करणधीर बडगोत्या, भगतसिंह भदौरिया, अनिल गोखरू, भरत तंवर, संतोष पोरवाल, निलेश गांधी, गोपाल शर्मा राकेश परमार, आदित्य डागा, नंदकिशोर पंवार, मोहन वर्मा, सतीश श्रीवास्तव, रईस कुरैशी, इब्राहीम शेरानी, जगदीश राठौर सहित वार्ड के गणमान्यजन मौजूद थे।