खेलों को प्रतिस्पर्धा नहीं, संस्कार के रूप में करना है विकसित : काश्यप
🔳 कुल 17 प्रकार की खेल स्पर्धाएं होगी
🔳 खेल चेतना मेला में अधिक भागीदारी पर पुरस्कृत होंगे स्कूल
🔳 प्रवेश पत्र दिखाने पर ही खेल पाएंगे खिलाड़ी
🔳 स्कूल संचालकों, खेल प्रशिक्षकों, सलाहकारों की हुई बैठक आयोजित
हरमुद्दा
रतलाम 10 जनवरी। 22 वर्ष पूर्व जिस उद्देश्य को लेकर खेल मेले की शुरुआत हुई थी, उसमें और स्कूलों की भागीदारी में काफी अंतर है। हमें खेलों को प्रतिस्पर्धा के रूप में नहीं अपितु संस्कार के रूप में विकसित करना है। खेलों में बच्चों की अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए इस वर्ष से खेल चेतना मेले में अधिक से अधिक खेल में शामिल होने एवं बच्चों की संख्या के आधार पर स्कूलों को पुरस्कृत किया जाएगा।
यह बात क्रीड़ा भारती एवं चेतन्य काश्यप फाउण्डेशन के राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष एवं विधायक चेतन्य काश्यप ने कही।
जीवन का अनिवार्य अंग खेल
आगामी 19 से 21 जनवरी तक आयोजित होने वाले 22 वें खेल मेले की तैयारियों को लेकर स्कूल संचालकों, खेल प्रशिक्षकों व सलाहकारों की शुक्रवार को बैठक आयोजित की गई। बैठक को संबोधित करते हुए फाउण्डेशन अध्यक्ष, क्रीड़ा भारती के श्री काश्यप ने कहा कि खेलों को आम तौर पर प्रतिस्पर्धा के रूप में लिया जाता है। जबकि ये जीवन का अनिवार्य अंग है। इनसे शारीरिक रूप से सक्षम बनने में मदद मिलती है। इसलिए बच्चों को अधिक से अधिक खेल से जोड़ा जाना चाहिए। खेल की अनिवार्यता जब तक नहीं होगी, तब तक इनका वातावरण नहीं बन पाएगा। खेल चेतना मेला बच्चों को खेल से अधिक से अधिक जोड़ने के मकसद से शुरू किया गया था। यह मकसद तभी पुरा होगा जब इसमें अधिक से अधिक बच्चे जुड़ जाएंगे।
दो नए खेल होंगे शामिल
उन्होंने कहा कि इस वर्ष से खेल चेतना मेले में 2 नए खेल शूटिंग और स्केटिंग भी शामिल किए गए हैं जिससे कुल 17 प्रकार की खेल स्पर्धाएं होगी। आम तौर पर स्कूल 5-6 खेलों में ही शामिल होते हैं कुछ स्कूल 15 खेलों में उपस्थिति दर्ज कराते हैं। इसलिए इस वर्ष से बच्चों की उपस्थिति और खेलों में भागीदारी के आधार पर भी स्कूलों को पुरस्कृत करने का निर्णय लिया गया है।
रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ होगी शुरुआत
श्री काश्यप ने कहा कि खेल चेतना मेला का शुभारंभ इस वर्ष रैली के रूप में ना होकर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ होगा। 19 जनवरी को मार्च पास्ट, सूर्य नमस्कार के बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। खेल स्पर्धाओं में वही बच्चे शामिल हो पाएंगे जो शुभारंभ समारोह में उपस्थित होकर प्रवेश पत्र प्राप्त करेंगे।
क्रीड़ा ज्ञान परीक्षा का आयोजन होगा हर साल
श्री काश्यप ने क्रीड़ा भारती के अखिल भारतीय स्वरूप और कार्यों पर भी विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इस वर्ष आरम्भ की गई क्रीड़ा ज्ञान परीक्षा का आयोजन भी अब प्रतिवर्ष किया जाएगा। बैठक के आरंभ में क्रीड़ा भारती के जिलाध्यक्ष डॉ. गोपाल मजावदिया ने स्वागत भाषण दिया। अशासकीय शिक्षण संस्था संघ के अध्यक्ष विनोद मूणत ने विचार रखे।
दिए सुझाव
बैठक में गुरनामसिंह डंग, प्राचार्य एस.के. शर्मा, आनंद जैन, उमंग सेठिया, राकेश शर्मा एवं शबनम मीर ने सुझाव दिए। संचालन चेतना खेल मेला आयोजन समिति के सचिव मुकेश जैन ने किया। आभार सह सचिव अजीत झाबड़ा ने माना।