अंततः हुआ निर्णय : राष्ट्रीय लता मंगेशकर सम्मान से विभूषित होंगे सुमन कल्याणपुर और कुलदीप सिंह

🔳 2017 से नहीं हुआ आयोजन

🔳 फिर भी 2019 के नाम का नहीं हुआ चयन

🔳 फरवरी में इंदौर में आयोजित होगा सम्मान समारोह

🔳 आयकर मुक्त होंगी सम्मान निधि

हरमुद्दा
भोपाल, 16 जनवरी। अंततः भारत रत्न से अलंकृत स्वर साम्राज्ञी लता मंगेशकर के नाम पर मध्यप्रदेश सरकार द्वारा स्थापित ‘लता मंगेशकर पुरस्कार’ देने का निर्णय हो ही गया। फिर भी 2019 के लिए नाम पर निर्णय नहीं हो सका। इसलिए फरवरी माह में सन 2017 एवं 2018 का पुरस्कार वितरण समारोह इंदौर में आयोजित होगा। जिसमें सुमन कल्याणपुरकर एवं कुलदीप सिंह को लता मंगेशकर सम्मान से नवाजा जाएगा।

मध्यप्रदेश सरकार द्वारा सुगम संगीत के क्षेत्र में सुविख्यात पार्श्व गायिका सुमन कल्याणपुर को वर्ष 2017 और संगीत निर्देशन के क्षेत्र में विख्यात संगीत निर्देशक कुलदीप सिंह को वर्ष 2018 के लिए राष्ट्रीय लता मंगेशकर सम्मान प्रदान किया जाएगा। सम्मान के अंतर्गत 2 लाख रुपए की आयकर मुक्त राशि, सम्मान पट्टिका तथा शाल-श्रीफल भेंट किया जाएगा।

इंदौर में फरवरी में आयोजित किए जा रहे भव्य समारोह में दोनों विभूतियों को सम्मानित किया जाएगा। समारोह की तैयारियाँ की जा रही हैं। यह सम्मान संगीत निर्देशन और गायन के क्षेत्र में उत्कृष्टता के लिए एक वर्ष के अंतराल से दिया जाता है।

मुंबई में हुई चयन समिति की बैठक

हाल ही में मुम्बई में हुई चयन समिति की बैठक में सुमन जी और कुलदीप जी का सम्मान के लिए चयन किया गया। बैठक में वरिष्ठ पार्श्व गायक सुरेश वाडकर, प्रख्यात फिल्म पत्रकार एवं माधुरी पत्रिका के संपादक रहे विनोद तिवारी और फिल्म पत्रकार सुमंत मिश्र शामिल हुए।

50 साल से सृजनशील है सुमन कल्याणपुर कर

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सुश्री सुमन कल्याणपुर पार्श्व गायन के क्षेत्र में 50 साल से भी अधिक समय से सृजनशील हैं। इन्होंने फिल्म बात एक रात की, दिल एक मंदिर, दिल ही तो है, सांझ और सवेरा, जहांआरा जैसी अनेक उत्कृष्ट फिल्मों में गीतों को आवाज दी।

संगीत निर्देशन में अपनी पहचान बनाए कुलदीप सिंह ने

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इसी प्रकार, संगीत निर्देशक एवं म्यूजिक कम्पोजर कुलदीप सिंह ने अंकुश और साथ-साथ जैसी फिल्मों में संगीत निर्देशन से अपनी पहचान बनाई है।

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अब तक इन्हें मिला है सम्मान

मध्यप्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 1984-85 में नौशाद, वर्ष 1985-86 के लिए किशोर कुमार, 1986-87 के लिए जयदेव, 1987-88 के लिए मन्ना डे, 1988-89 के लिए खय्याम, 1989-90 के लिए सुश्री आशा भोंसले, 1990-91 के लिए लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल, 1991-92 के लिये येसुदास, 1992-93 के लिए राहुल देव वर्मन, 1993-94 के लिए श्रीमती संध्या मुखर्जी, 1994-95 के लिए अनिल विश्वास, 1995-96 के लिए तलत महमूद, 1996-97 के लिये कल्याणजी-आनंदजी 1997-98 के लिए जगजीत सिंह, 1998-99 के लिए इलिया राजा, 1999-2000 के लिए एस.पी. बालसुब्रमण्य, 2000-2001 के लिए भूपेन हजारिका, 2001-2002 के लिए महेन्द्र कपूर, 2002-2003 के लिए रवीन्द्र जैन, 2003-2004 के लिए सुरेश वाडेकर, 2004-2005 के लिए ए. आर. रहमान, 2005-2006 के लिए सुश्री कविता कृष्णमूर्ति, 2006-2007 के लिए पं. हृयनाथ मंगेशकर, 2007-2008 के लिए नितिन मुकेश, 2008-2009 के लिए रवि, 2009-2010 के लिए सुश्री अनुराधा पौडवाल, 2010-2011 के लिए राजेश रोशन, 2011-2012 के लिए हरिहरन, 2012-2013 के लिए सुश्री उषा खन्ना, 2015-2016 के लिए उदित नारायण और वर्ष 2016-2017 के लिए अनु मलिक को यह प्रतिष्ठित सम्मान दिया गया।

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