दादी की फरियाद : बेटे की मृत्यु के बाद बहू भी गई दो अबोध बच्चों को छोड़कर, भरण पौषण का संकट
🔳 जनसुनवाई में 73 आवेदन प्राप्त
हरमुद्दा
शाजापुर, 28 जनवरी। ग्राम निपानिया करजू की वृद्ध महिला धापूबाई ने आवेदन देकर अनुरोध किया कि उसके मृत पुत्र की दो बालिकाओं के भरण पोषण के लिए सहायता प्रदान करें। कलेक्टर डॉ. वीरेंद्र सिंह रावत ने विभाग को शीघ्र राहत देने के निर्देश दिए।
धापू बाई ने बताया कि वह स्वयं विधवा है और पुत्र की मृत्यु के बाद उसकी बहु भी दो बच्चों को छोड़कर कही चली गई है। इससे उस पर दोनों अबोध बालिकाओं के भरण-पोषण का जिम्मा आ गया है। उसके पास इतनी आय नहीं है कि वह इनका पालन पोषण कर सकें।
कलेक्टर ने दिए निर्देश
कलेक्टर डाॅ. रावत ने वृद्ध महिला की परिस्थितियों को देखते हुए बालिकाओं के पालन पोषण के लिए जिला महिला एवं बाल विकास कार्यक्रम अधिकारी श्री सुभाष जैन को कार्रवाई करने के निर्देश दिए है। साथ ही अनुसूचित जाति एवं जनजातीय कल्याण विभाग की जिला संयोजक सुश्री निशा मेहरा को भी कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया।
73 आवेदकों बताई समस्या
मुख्यमंत्री जनसुनवाई कार्यक्रम के तहत जनसुनवाई में कुल 73 आवेदकों द्वारा शिकायतों एवं समस्याओं के निराकरण के लिए आवेदन दिए। जनसुनवाई कलेक्टर डाॅ. वीरेन्द्र सिंह रावत, अपर कलेक्टर मंजुषा विक्रांत राय, संयुक्त कलेक्टर वीपी सिंह तथा डिप्टी कलेक्टर जूही गुप्ता ने की। इस अवसर पर विभिन्न विभागों के अधिकारी भी उपस्थित थे।
जनसुनवाई में अन्य ने भी बताई समस्या
इस अवसर पर राधोखेड़ी के घीसीलाल ने सीमांकन कराने, सामगीबोर्डी की राजू बाई ने उसके अनुदान प्राप्त ट्रांसफार्मर से अन्य व्यक्ति द्वारा कनेक्शन लेने का प्रयास करने और उसके द्वारा विवाद करने, सुन्दरसी के प्रतापसिंह सहित अन्य ग्रामीणों ने परम्परागत रास्ते पर अवैध निर्माण होंने, जानासुरा उज्जैन की शमशाद बी ने भरण पोषण भत्ता दिलवाने, हरणगांव के मुकेश सहित अन्य कृषकों ने बटाई पर दी जमीन की समयावधि समाप्त होने पर भी बटाईदार द्वारा जमीन नहीं छोड़ने, मक्सी के नागेश्वर ने अपने पुत्र शिवम की मुकबधीर होने की जांच कर सर्टिफिकेट प्रदान करनें, काकड़ी की आशाबाई ने चेकडेम की राशि नहीं मिलने, बिजाना के सत्यनारायण ने कपिलधारा कूप योजना का लाभ दिलवाने, नोलाया के देवीसिंह ने पट्टे की जमीन का अवैध रूप से विक्रय करने, कुकड़ी की राजूबाई ने वृद्ध माता के नाम की भूमि अन्य व्यक्ति द्वारा अपने नाम करने सहित अन्य ग्रामीणों द्वारा विभिन्न प्रकार की शिकायतों एवं समस्याओं के आवेदन दिए।