डॉ. शिवमंगलसिंह सुमन स्मृति शोध संस्थान में बसंत पर हुई काव्य संध्या

🔳 पाठक मंच का संयोजक बनाया श्री दशोत्तर को
हरमुद्दा
रतलाम, 1 फरवरी। डॉ. शिवमंगलसिंह सुमन स्मृति शोध संस्थान में बसंत उत्सव में पाठक मंच पुस्तक विमर्श कार्यक्रम हुआ। कार्यक्रम में बसंत उत्सव के तहत काव्य संध्या आयोजित की गई।

कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. मुरलीधर चांदनीवाला ने की। मुख्य अतिथि शांतिलाल प्रणेश रहे। विशेष अतिथि अब्दुल सलाम खोखर रहे।

श्री दशोत्तर का किया सम्मान

साहित्य अकादमी मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद भोपाल ने रतलाम जिले के पाठक मंच का संयोजक साहित्यकार आशीष दशोत्तर को बनाया है। इस पर श्री दशोत्तर का सम्मान किया।

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सरस्वती वंदना के साथ शुरुआत काव्य संध्या की

रश्मि उपाध्याय ने सरस्वती वंदना के साथ सुभद्रा कुमारी चौहान की कविता ‘वीरों का कैसा हो बसंत’ कविता का पाठ किया। महात्मा गांधी की पुण्यतिथि एवं बसंत आगमन पर गांधीजी का पुण्य स्मरण किया गया। राष्ट्रकवि नटवरलाल स्नेही द्वारा रचित ‘गांधी मानस’ की अमर पंक्तियों ‘युग आएंगे युग जाएंगे पर तुम सदा रहोगे बापू’ के पाठ के साथ अखिल स्नेही ने ‘बातें बोराए आम की और फाग की धुने’ बसंत गीत पढा। आजाद भारती ने ‘तुम्हे देखकर मन हो जाता है नीलम – सा’ हरिशंकर भटनागर ने ‘खिले खाखरा के फूल, पीली सरसो गई फूल गीत पढा’। के के राजावत ने कोकिला कूलमत, सिद्धिकी रतलामी ने ‘एक है जमीन संत क्या हूइद क्या, रोशनी जहां मिले, रोशनी का साथ दो’ गजल पढी। आशीष दशोत्तर ने ‘खबर हमारी कभी तो लेने, जरा इधर भी बसंत आना’ गीत पढ़ा। बालक तितिक्ष पंचोली ने ‘मां’ पर कविता सुनाई।
डॉ. शोभना तिवारी ने गांधीजी का पुण्य स्मरण करते हुए डॉ. सुमन की रचना ‘महात्माजी के महानिर्वाण पर’ कविता का पाठ किया।

राम की शक्ति पूजा’ का सस्वर ओजस्वी वाणी में हुआ पाठ

कार्यक्रम के विशेष अतिथि अब्दुल सलाम खोखर ने ‘ये बसंत की बहार है तू मुस्करा जरा’ गीत पढ़ा। मुख्य अतिथि प्रणेशजी ने ‘सातवेंदशक में उम्र के इस पड़ाव पर लहरो की बूंदों पर लगता है हम किसी काम के नहीं’ कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डॉ. चांदनीवाला ने महाप्राण निराला एवं महात्मा गांधी का पुण्य स्मरण करते हुए निराला की ‘राम की शक्ति पूजा’ का सस्वर ओजस्वी वाणी में पाठ किया।

यह थे मौजूद

इस अवसर पर शिवकांता भदौरिया, प्रतिभा चांदनीवाला, सीमा राठौर, रश्मि करडेकर, श्रद्धा शर्मा, कीर्ति पंचोली, राजेश कोठारी, दिनेश तिवारी, सुशील साखी, प्रतिष्ठा तिवारी सहित शहर के साहित्यकर व अन्य मौजूद थे।

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