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बेटे के जन्म के बाद ना पति आया और नहीं दादा-दादी, पत्नी की पीड़ा

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🔲 वन स्टॉप सेन्टर ने पति-पत्नी के बीच सामन्जस्य किया स्थापित

🔲 और फिर सारिका गई ससुराल

हरमुद्दा
शाजापुर, 12 फरवरी। प्रसूति के लिए 1 साल पहले पीहर आई महिला ने बेटे को जन्म दिया, उसे देखने ना तो पति आया और ना ही दादा दादी। पीड़िता पत्नी ने गुहार लगाई। शाजापुर के वन स्टॉप सेन्टर ने पति-पत्नी की काउन्सलिंग कर उनके बीच सामन्जस्य स्थापित कराया।

उल्लेखनीय है कि शाजापुर के वन स्टॉप सेन्टर ने शाजापुर की महिला सारिका वेद ने आकर प्रशासक से अनुरोध किया था कि वह ससुराल जाना चाहती है, किन्तु ससुराल वाले ले नहीं जा रहे हैं। उसने बताया कि वर्ष 2015 में उसका विवाह आष्टा निवासी गोलू से हुआ था। वह एक वर्ष पूर्व प्रसव के लिए अपने मायके शाजापुर आई थी। पुत्र के जन्म के बाद से उसको देखने न तो पति आया न ही ससुराल वाले आए और ससुराल वाले इस बीच बातचीत भी नहीं कर रहे थे। अपनी समस्याओं के समाधान की आस लेकर सारिका वेद माह दिसंबर 2019 में वन स्टॉप सेन्टर आई थी।

सुलह के लिए बुलाया दोनों पक्षों को

वन स्टॉप सेन्टर की प्रशासक नेहा जायसवाल एवं केस वर्कर कविता भावसार ने पति-पत्नी के बीच सुलह के लिए दोनों पक्षों को बुलवाया। दो-तीन बार काउन्सलिंग करने के उपरांत दोनों पक्षों के बीच में सामन्जस्य स्थापित हो गया और गोलू सारिका को साथ ले जाने के लिए सहर्ष मान गया। वन स्टॉप सेन्टर से सारिका के सास-ससुर एवं पति ने अपनी बहू व पोते को अपने साथ आष्टा ले गए। इस प्रकार वन स्टॉप सेन्टर शाजापुर पति-पत्नी के बीच सुलह कराकर सामन्जस्य स्थापित करने में कामयाब रहा।

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