आगर-मालवा में लगेगी संतरा आधारित फूड प्रोसेसिंग यूनिट : प्रभारी मंत्री श्री सिंह
🔲 तुलावटी एवं व्यापारी संघ की समस्याओं का होगा शीघ्र निराकरण
🔲 प्रभारी मंत्री जयवर्द्धनसिंह तथा कृषि मंत्री श्री यादव कृषि उपज मंडी आगर में आयोजित कार्यक्रम में हुए शामिल
हरमुद्दा
आगर, 26 फरवरी। आगर-मालवा संतरे की फसल के लिए जाना जाता है। फसलों के आधार पर जिलों की ब्रांडिंग की जाकर एक अलग पहचान दी जाएगी। संतरा फसल के लिए एक अच्छी कार्ययोजना तैयार कर प्रदेश में अलग पहचान दिलवाई जाएगी। जिले में फ्रूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाई जाएगी। जिससे संतरे की फसल का उचित दाम किसानों को मिल सके। साथ ही युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी निर्मित हों।
यह बात मध्यप्रदेश शासन के नगरीय विकास एवं आवास विभाग मंत्री व आगर जिले के प्रभारी मंत्री जयवर्द्धन सिंह ने कही।
किया भूमि पूजन
प्रभारी मंत्री श्री सिंह और किसान कल्याण एवं कृषि विभाग, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग मंत्री सचिन सुभाष यादव ने नई कृषि उपज मंडी में एक करोड़ 13 लाख 21 हजार रुपए की लागत से निर्मित होने वाले हम्माल तुलावटी कक्ष एवं परिसर में सीमेंट कांक्रीट कार्य का भूमिपूजन किया गया। मंत्री द्वय ने मंडी समिति द्वारा आयोजित कार्यक्रम में तुलावटी, हम्माल संघ एवं व्यापारी संघ की मांगों एवं समस्याओं से अवगत होकर उनका शीघ्र निराकरण करवाने के लिए आश्वासन भी दिया।
किसानों को दिलवाई कर्ज से मुक्ति
प्रभारी मंत्री श्री सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार ने अल्प समय में कृषकों के हित में महत्वपूर्ण निर्णय लेकर उन्हें कर्ज से मुक्ति दिलाई है। अति-वृष्टि में मुआवजा प्रदाय कर कृषकों को फसल नुकसानी की भरपाई कर उन्हें आर्थिक रूप से कमजोर नहीं होने दिया है। मुख्यमंत्री कमल नाथ के नेतृत्व में प्रदेश के कृषकों के हित में और भी कई निर्णय लिए जाएंगे। प्रभारी मंत्री ने कहा कि मंडियों में व्यापारियों को अच्छा वातावरण देंगे, उनकी समस्याओं को प्राथमिकता से निराकरण किया जाएगा।
फसल बेचने की प्रक्रिया को सरल करने के लिए उठाएंगे ठोस कदम
कृषि मंत्री श्री यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार मंडियों में किसानों को फसल बेचने की प्रक्रिया को सरल बनाने की ओर कदम उठा रही है। किसानों को सभी सुविधा मंडी परिसरों में मुहैया करवाई जाएगी। मंडियों को ई-तकनीकी से जोड़ा जाएगा, जिससे किसानों को अपनी फसलों को अच्छा दाम मिले। मंडी प्रांगण में ही किसान अपनी फसल का भण्डारण कर सकें, ऐसी व्यवस्था की जाएगी। प्रदेश में क्षेत्रों की प्रमुख फसलों को चिह्नांकित कर कार्य योजना बनाई जा रही है।