सकारात्मक रहते हुए युवा वर्ग दें राष्ट्र के विकास में योगदान : डॉ. ध्वनि शर्मा
🔲 राष्ट्र निर्माण में युवाओं का योगदान विषय पर गोष्ठी आयोजित
हरमुद्दा
रतलाम, 1 मार्च। जीवन में सकारात्मक रहते हुए सेहत पर ध्यान दें। व्यसन से कभी भी ना तो अपना न समाज का भला होता है। अतः व्यसन को छोड़ना युवाओं को जरूरी है। यह अच्छी बात है कि देश युवाओं का है। 65 फीसद आबादी युवा वर्ग की है। युवाओं को राष्ट्र निर्माण में अपना अहम योगदान देना है।
यह विचार डाॅ. ध्वनि शर्मा ने व्यक्त किए। ‘ राष्ट्र निर्माण में युवाओ के योगदान’ विषय पर अमृत गार्डन में आयोजित गोष्ठी में बतौर मुख्य वक्ता मौजूद थीं। गोष्ठी की अध्यक्षता शिक्षाविद डाॅ. मुरलीधर चांदनीवाला ने की। अतिथियों के साथ मंच पर कार्यक्रम संयोजक प्रदीप उपाध्याय मौजूद थे।
रहन-सहन बनाए अनुकरणीय
डॉ. शर्मा ने उपस्थितों से कहा कि बोलने से पहले विचार करना जरूरी है। क्या आपके बोलने से किसी को परेशानी हो रही है? बुराई बिल्कुल ना करें। आध्यात्मिक पावर बढ़ाए। अपना रहन-सहन अनुकरणीय बनाएं। स्वदेशी अपनाएं। विश्वास रखें कि आप सफल होंगे। किसी के कहने पर आप अपने लक्ष्य को न छोड़ें। अपनी उम्मीद को जिंदा रखते हुए निरंतर आगे बढ़ते रहें। सफलता आपके कदमों में होगी।
निर्बल महसूस ना करें युवा
उन्होंने युवाओं से कहा कि कभी भी अपने आप को निर्बल महसूस ना करें। तभी आप एक सफल व्यक्तित्व बन सकते हैं। राष्ट्र निर्माण का कार्य मातृशक्ति के बिना संभव नहीं है। अतः माताओं को भी अपने संस्कार संतानों में देना होंगे। युवा अपनी सकारात्मक शक्ति को शहर, प्रदेश और देश के उत्थान में लगाएं। कार्य करें। मुख्य वक्ता ध्वनि शर्मा ने संवाद करते हो गए उपस्थितों की जिज्ञासाओं का समाधान भी किया।
रोजगार दिलाने के पूरे होंगे प्रयास
डॉ. शर्मा ने बताया कि मैने गुजरात के आणंद में महिला सशक्तिकरण को बढावा देते हुए लगभग दस हजार युवतियों एवं महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराया। उन्होने रतलाम के युवाओ से भी आह्वान किया कि जो भी बेरोजगार है, वह अपना बायोडाटा कार्यक्रम संयोजक श्री उपाध्याय को दें, हम अपनी ओर से उन्हे रोजगार उपलब्ध कराने का पूरा प्रयास करेंगे।
भारतीय संस्कृति के संस्कार परिलक्षित हो रहे युवाओं में : चांदनीवाला
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डॉ. मुरलीधर चांदनीवाला ने कहा कि काव्य की आत्मा ध्वनि होती है। आज इस आयोजन की आत्मा भी ध्वनि ही है। युवाओं की तासीर आज बदली है। युवा राष्ट्र निर्माण में आगे आ रहे हैं। राष्ट्र जाग रहा है। राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका में हमारी भारतीय संस्कृति के संस्कार परिलक्षित हो रहे हैं।
इन्होंने किया अतिथियों का स्वागत
शुरुआत में भारत माता के चित्र पर अतिथियों ने माल्यापर्ण एवं दीप प्रज्वलन किया। अतिथियों का पुष्पगुच्छ से स्वागत कार्यक्रम संयोजक प्रदीप उपाध्याय, पवन सोमानी, मनीष रावल, सूरज जाट, दिलीप गांधी, राजेश कटारिया, सीमा टांक, मोहन मुरलीवाला, दिनेश राठौड, विप्लव जैन, सोनू यादव, अश्विन जायसवाल, सलीम आरिफ, अनुज शर्मा, आदित्य डागा, नितीन लोढा, नितेश बैरागी, गजेन्द्र पडिहार, धर्मेन्द्र सोलंकी, राजू हाॅकी ने किया।
यह थे मौजूद
कार्यक्रम में पूर्व मंत्री हिम्मत कोठारी, पूर्व महापौर शैलेन्द्र डागा, बजरंग पुरोहित, विष्णु त्रिपाठी, अशोक चोटाला, महेन्द्र कोठारी, दिनेश पोरवाल, अश्विनी शर्मा, रमेश बदलानी, भगत सिंह भदौरिया, अशोक यादव, मंगल लोढा, रंजीत सिंह परिहार, संदीप सोनी, पंकज ओझा, मुन्नालाल शर्मा, कन्हैयालाल चौधरी, रवींद्र मुरलीवाला, नीलेश गांधी, मयूर पुरोहित, नंदकिशोर पंवार, प्रहलाद राठौड, गोपाल राठी, मोंटी जायसवाल, राजेश चौहान, शुभम चौहान, प्रभात सुराना, आनंद चौहान, सुरेश पापटवाल, प्रभु सोलंकी, अरविन्द व्यास, वैभव शर्मा, अनिल कटारिया, राकेश गुर्जर, रवि पंवार, पूर्व पार्षद सोना शर्मा, सारिका दीक्षित, मीना टांक, डाॅ. उषा व्यास, रचना व्यास, शुभि जोशी सहित गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। संचालन कवि चंचल चौहान ने किया। आभार सूरज जाट ने माना। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ ।