संक्रांत पर बिछड़ी मगर होली के पहले परिजनों को मिल गई मानसिक रोगी महिला

🔲 महिला दिवस पर बच्चों को मिल गई उनकी मां

हरमुद्दा
रतलाम, 8 मार्च। मानसिक रोगी महिला संक्रांत के पहले घर से निकल कर ट्रेन में बैठ गई, उसे पता नहीं था, वह कहां जा रही है? होनी को कुछ और ही मंजूर था, वह रतलाम उतर गई। यहां ट्रेन से टकराने के बाद अस्पताल में भर्ती हुई और उपचार हुआ। काकानी सोशल वेलफेयर फाउंडेशन ने सेवा की। काफी मशक्कत के बाद पता चला और महिला दिवस के दिन महिला अपने परिजनों से मिलकर बेहद खुश हुई। परिजन कहने लगे संक्रांत पर मां बिछड़ी थी और होली के पहले मिल गई। अब हम होली उत्सव मनाएंगे। आदिवासी समाज में होली उत्सव का काफी महत्व है। मां नहीं थी तो सब कुछ फिका-फिका लग रहा था।

काकानी सोशल वेलफेयर फाउंडेशन के सचिव व सामाजिक कार्यकर्ता गोविंद काकानी ने हरमुद्दा को बताया कि मनोरोगी महिला बिना बताए घर से रात्रि में निकल गई। रतलाम प्लेटफार्म नंबर 5 पर 13 जनवरी को ट्रेन से टकराकर गंभीर घायल अवस्था में जीआरपी रतलाम ने जिला चिकित्सालय में रात्रि 4 बजे भर्ती कराया। आइसोलेशन वार्ड में महिला की चिकित्सकों के माध्यम से देखरेख कर इलाज जारी रखा।

जाको राखे साइयां मार सके ना कोई

श्री काकानी ने बताया कि उसके दोनों पांव की उंगलियां कट गई। साथ में एड़ी में फ्रैक्चर भी हो जाने से उसकी हालत मौत के मुंह में जैसे पड़ी हुई थी। खून भी बहुत बह गया था परंतु लगातार सेवा, मरहम पट्टी एवं दवाइयों के असर से महिला की हालत में सुधार होना शुरू हो गया। महिला की मानसिक स्थिति के कारण घर का पता लगाना मुश्किल पड़ रहा था। वह प्रतिदिन जानकारी में रोज नई बात बताती थी। दो-तीन दिन पहले इंदौर गीता भवन चौराहा, हॉस्टल का उल्लेख किया।

कड़ी जुड़ती गई और सुलझता गया मामला

काकानी सोशल वेलफेयर फाउंडेशन के सदस्य सुरभि रत्नेश राठी, इंदौर को उक्त पते पर जानकारी एकत्रित करवाई। थोड़ी सफलता हाथ लगी फिर इंदौर कंट्रोल रूम पर अरुण सिंह पड़ियार को घटना और महिला की जानकारी दी जिस पर पलासिया थाना के आरक्षक जंग जीत सिंह जाट द्वारा उसके दूर के रिश्तेदार तक खबर पहुंचाई।

आज ही आए परिजन रतलाम

आज सुबह श्री काकानी से पति मूलचंद एवं बेटे गोविंद की सुबह 7 बजे मोबाइल पर चर्चा हुई और वे तत्काल राऊ (इंदौर) से रतलाम के लिए रवाना हो गए।

3 माह से थी लापता

पति मूलचंद भाबर ने बताया कि शारदा देवी उर्फ राधा (45) उसकी पत्नी है। उसके तीन बच्चे गोविंद, गोपाल एवं लड़की ज्योति, पति किशोर डामर राऊ में रहती है। मेरी पत्नी की मानसिक स्थिति ठीक नहीं रहती। इसी के चलते रात्रि में बिना बताए तीन माह पहले घर से निकल गई थी। हमने सब जगह ढूंढा। फिर राऊ पुलिस थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवाई।

पति और बेटे को देख रोने लगी फूट-फूटकर

अस्पताल में जैसे ही शारदा बाई के सामने पति मूलचंद को और बेटे गोविंद को मिलवाया तो वह फूट-फूट कर रोने लगी। उपस्थित की आंखों में अश्रु धारा बहने लगी। अस्पताल से जाते हुए शारदा सभी को साथ चलने का मनवार कर रही।

एक माह की दवाई भी दी

काकानी सोशल वेलफेयर फाउंडेशन की ओर से रविवार की शाम को घर तक पहुंचने का रेलवे टिकट, फल एवं जिला चिकित्सालय की ओर से एक माह की दवाई साथ में देकर इंदौर के लिए रवाना किया।

सहयोग के लिए दिया परिजनों ने धन्यवाद

महिला दिवस पर महिला को घर पहुंचाने में इंदौर पुलिस प्रशासन, जिला चिकित्सालय, काकानी सोशल वेलफेयर फाउंडेशन आदि की परिजनों ने तारीफ की एवं धन्यवाद दिया।

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