रोगों का नाश करने के लिए सोमवार को करेंगे शीतला माता का पूजन व ठंडा भोजन

🔲 रविवार को बनाएं भांति-भांति के व्यंजन गृहणियों ने

🔲 जीवन साथी ने भी किया सहयोग

हरमुद्दा
रतलाम, 15 मार्च। सोमवार को शीतला सप्तमी उत्सव धार्मिक भक्ति भावना के साथ मनाया जाएगा। माताजी का पूजन कर उन्हें भांति-भांति के व्यंजन चढ़ाएं जाएंगे। घर परिवार की सुख समृद्धि और खुशहाली की प्रार्थना की जाएगी।

सोमवार को महिलाओं द्वारा किए जाने वाले शीतला माताजी के पूजन को लेकर शनिवार रविवार को घरों में भांति-भांति के व्यंजन बनाए गए। इस कार्य में जीवन साथियों ने भी भरपूर सहयोग किया। दो दिन का अवकाश होने के मद्देनजर गृहणियों को काफी राहत मिली।

शास्त्र और विधि सम्मत है सोमवार को

पंडित दुर्गाशंकर ओझा ने हरमुद्दा को बताया है कि शीतला सप्तमी उत्सव और पूजन सोमवार 16 मार्च को करना ही शास्त्र और विधि सम्मत है। चौघड़िया देखकर पूजन करना श्रेष्ठ है। इसी तरह दशामाता का उत्सव 18 मार्च को होगा। पंडित हो जाना बताया कि शीतला माता को पौराणिक देवी माना गया है। इस दिन माता को ठंडे भोजन का भोग लगाया जाता है। इस तिथि के एक दिन पहले रात्रि को माता को चढ़ाने के लिए स्वादिष्ट भोजन और व्यंजनों को तैयार किया जाता है। दूसरे दिन ब्रह्ममुहूर्त से माता की पूजा कर उनको ठंडे भोजन का भोग लगाया जाता है। इस दिन घर के सभी सदस्य भी ठंडे भोजन का सेवन करते हैं। शीतला सप्तमी का व्रत चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष शीतला सप्तमी 16 मार्च को है।

ठंडा खाने से होता है रोगों का नाश

पंडित ओझा ने इस दिन ठंडा खाना खाने से रोगों का नाश होता है और आरोग्य की प्राप्ति होती है। इस दिन देवी शीतला का व्रत रखकर माता का पूजन करने से चेचक, शीतला जैसे रोग नहीं होते हैं। शीतला सप्तमी से गर्मी के मौसम की शुरुआत होती है। इस दिन घर में चूल्हा नहीं जलाया जाता है। इस दिन घर में खाना पकाने से देवी शीतला नाराज होती है और उनके कोप का शिकार होना पड़ता है।

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