उनका साहित्य, जीवन, सांप्रदायिक सौहार्द और सामाजिक समरसता के लिए रहा समर्पित : आशीष ज्योतिषी
🔲 राजनेता, कवि, पत्रकार, साहित्यकार और सांसद पंडित ज्वाला प्रसाद ज्योतिषी का जयंती पर स्मरण
🔲 हरमुद्दा के लिए डॉ. चंचल दवे
सागर, 15 मार्च। देश में ख्याति प्राप्त राजनेता, कवि, पत्रकार, साहित्यकार, विधायक एवं सांसद के रूप में लोकप्रिय रहे सागर के स्व. पं.ज्वाला प्रसाद ज्योतिषी की 113 वीं जयंती पर पंडित ज्वाला प्रसाद ज्योतिषी इंस्टीट्यूट सिविल लाइंस में आयोजित गरिमामय कार्यक्रम में उनका स्मरण किया गया।
आयोजन में उनके प्रपौत्र आशीष ज्योतिषी ने स्व. ज्योतिषी के जीवन पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डालते हुए कहा कि ज्योतिषी जी का साहित्य, जीवन, सांप्रदायिक सौहार्द और सामाजिक समरसता के लिए समर्पित रहा है।
वे अद्भुत और विलक्षण थे : त्रिपाठी
समालोचक टीकाराम त्रिपाठी ने कहा कि ज्योतिषी जी के अवदान को साहित्य, राजनीति और पत्रकारिता की बाद की पीढ़ी ने सही ढंग से समझा नहीं है। वे अद्भुत और विलक्षण इंसान थे।
वे देते थे नव लेखकों को साहित्यिक पुस्तकें : डॉ. सागर
विशिष्ट अतिथि डॉ. गजाधर सागर ने ज्योतिषी जी से जुड़े संस्मरणों को साझा करते हुए कहा कि वे नव लेखकों सहित वरिष्ठ साहित्यकारों को भी साहित्यिक पुस्तकें प्रदान करते थे। वे अत्यंत ओजस्वी वक्ता थे जिसका प्रभाव उनके साहित्य पर स्पष्ट दिखता है।
विकार को उन्मूलित करने का किया महत्त्वपूर्ण कार्य : सिलाकारी
अध्यक्षीय उद्बोधन में केके सिलाकारी ने कहा कि ज्योतिषी जी सांप्रदायिक एकता और हिंदू – मुस्लिम सद्भाव की मिसाल थे। उन्होंने अपने काव्य के माध्यम से राष्ट्रीय जीवन में पनपने वाले सांप्रदायिकता रूपी विकार को उन्मूलित करने का महत्त्वपूर्ण कार्य किया था। कवि पीआर मलैया ने उन्हें एक सरल हृदय के विराट व्यक्तित्व के रूप में व्यक्त किया। संचालन डॉ. ऋषभ भारद्वाज ने किया। आभार कवि डॉ. नलिन जैन ने माना।
और हुई सहमति व्यक्त
कवि वृंदावन राय सरल ने उनकी मूर्ति स्थापित करने तथा सागर विश्वविद्यालय में उनके नाम पर पीठ स्थापित करने का प्रस्ताव रखा जिस पर उपस्थित सभी प्रबुद्धजनों ने करतल ध्वनि से अपनी सहमति व्यक्त की।
यह थे मौजूद
इस अवसर पर जेपी पाण्डेय, डॉ. चंचला दवे, दीपा भट्ट, बीडी रायकवार, उमाकान्त मिश्र, आरके तिवारी, कुंदन पाराशर, मुकेश तिवारी, पुष्पेंद्र दुबे, जगदीश लारिया, डॉ.राम रतन पांडे, डॉ.सर्वेश्वर उपाध्याय, डॉ. भुवनेश्वर तिवारी, राधाकृष्ण व्यास, विजय तिवारी, पुष्पदंत हितकर, महेश दत्त त्रिपाठी, मुकेश निराला, प्रदीप दुबे, एम शरीफ, प्रभात कटारे, आनंद मिश्र, राघव रामकरन, अभिषेक जैन, मिंटे महाराज, पप्पू प्रजापति, सत्यम अग्निहोत्री एवं ज्योतिषी जी के परिजन सहित बड़ी संख्या में प्रबुद्धजन उपस्थित रहे।