असर : हरमुद्दा ने उठाया मुद्दा, सभी शिक्षक- शिक्षिकाओं को भी मिल गई स्कूल जाने से राहत
🔲 स्कूल शिक्षा विभाग ने दिया आदेश, घर बैठकर कार्य करें शिक्षक शिक्षिकाएं
🔲 शासकीय तथा निजी दोनों विद्यालय पर होगा आदेश लागू
🔲 प्राध्यापकों को शनिवार को ही दे दी गई थी महाविद्यालय आने से छुट्टी
हरमुद्दा
रतलाम, 22 मार्च। कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते कर्मचारियों को तो राहत मिल गई थी लेकिन शिक्षक शिक्षिकाओं को स्कूल जाना अनिवार्य था। ‘हरमुद्दा’ ने 21 मार्च शिक्षकों की सेहत को लेकर ‘कोरोना : कर्मचारियों को राहत, प्रदेश के लाखों शिक्षक हैं आहत‘ शीर्षक से प्रमुखता से मुद्दा उठाया था। इसके बाद प्रदेश के कर्मचारी संगठन सक्रिय हुए और भोपाल तक मांग पत्र मेल किए। नतीजतन स्कूल शिक्षा विभाग ने रविवार को आदेश जारी कर 31 मार्च तक शासकीय तथा अशासकीय समस्त विद्यालयों के शिक्षक-शिक्षिकाओं को भी स्कूल जाने से राहत दी है। स्कूल का कार्य घर बैठे संपन्न कर सकेंगे।
स्कूल शिक्षा विभाग के उप सचिव सुधीर कुमार कोचर ने रविवार को शिक्षक संगठनों की मांग को ध्यान में रखते हुए वर्क फ्रॉम होम का आदेश जारी किया है। आदेश जारी कर कहा है कि शिक्षक शिक्षिकाओं को भी 31 मार्च तक स्कूल जाने की आवश्यकता नहीं है। स्कूल का कार्य वे अब घर पर ही संपन्न करेंगे।
जिनकी लगी है ड्यूटी उन्हें जाना होगा कार्यस्थल
विभाग ने आदेश में लिखा है कि 22 मार्च से 31 मार्च तक के उक्त अवधि को समस्त प्रयोजनों के लिए कर्तव्य अवधि माना जाएगा। यह आदेश उन शिक्षकों पर लागू नहीं होगा जो पहले से छुट्टी पर हैं। जिन शिक्षकों व स्टाफ की ड्यूटी कोरोना बचाव दल में लगाई जा चुकी है, उन शिक्षकों को अपने कार्यस्थल पर जाना होगा। अपने कर्तव्य की पूर्ति करनी होगी। जिन छात्रावासों में बच्चे अभी वर्तमान में रह रहे हैं उन छात्रावासों में शिक्षकों को और स्टाफ को छात्रावास में जाना होगा और बच्चों को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के उपाय बताने होंगे और उनका ध्यान रखना होगा।
महाविद्यालय के प्राध्यापक को भी राहत
उल्लेखनीय है कि उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई ने शनिवार को ही प्रदेश के समस्त शासकीय और अशासकीय महाविद्यालयों के प्राध्यापकों को 31 मार्च तक के लिए अवकाश दे दिया है।