लॉक डाउन का उल्लंघन किया लोक शिक्षण संचनालय की आयुक्त ने, सैंकड़ों व्यावसायिक प्रशिक्षकों की सेवा कर दी स्थगित
🔲 कैसे जीवन यापन करेंगे बेरोजगार प्रशिक्षक
🔲 क्या वैधानिक कार्रवाई होगी आयुक्त के खिलाफ
हरमुद्दा
रतलाम, 31 मार्च। प्रदेशभर के शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल में व्यावसायिक शिक्षा देने वाले तमाम प्रशिक्षकों की सेवाएं लोक शिक्षण आयुक्त जयश्री कियावत ने स्थगित कर दी है। ऐसा करते हुए उन्होंने लॉक डाउन का उल्लंघन किया है।
विश्व के साथ भारत कोरोना वायरस से लड़ रहा है। देशभर में लॉक डाउन लागू है। लोगों के समक्ष रोजी-रोटी का संकट है। ऐसे में लोक शिक्षण संचालनालय की आयुक्त ने प्रदेश के तकरीबन 2400 व्यावसायिक प्रशिक्षकों को बेरोजगार कर दिया है।
उनके है स्पष्ट निर्देश
उल्लेखनीय है कि भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय एवं गृह मंत्रालय द्वारा स्पष्ट रूप से निर्देशित किया गया है कि भारत में लॉकडाउन के दौरान किसी भी सरकारी एवं प्राइवेट संस्थान में किसी भी कर्मचारी की सेवाएं समाप्त नहीं की जाएंगी। बावजूद इसके मध्यप्रदेश में लोक शिक्षण संचालक आयुक्त ने व्यावसायिक प्रशिक्षकों की सेवाएं समाप्त कर दी।
कैसे करेंगे जीवन यापन?
लोगों को बेरोजगार किया वह भी इस दौर में जब पूरा विश्व कोरोना वायरस से बचाव में है और अपने-अपने परिवार बच्चो के साथ घर मे कैद है। जिन व्यवसायिक प्रशिक्षकों को बेरोजगार किया है वे अपना व परिवार का जीवन यापन कैसे करेंगे ?
30 मार्च को जारी आदेश में हस्ताक्षर के नीचे लिखा है 28 मार्च
आयुक्त ने बैक डेट में हस्ताक्षर किए है। 30 मार्च 2020 को लिखे गए पत्र क्रमांक 1549 पर लोक शिक्षण संचालनालय की आयुक्त जयश्री कियावत ने बैक डेट में हस्ताक्षर किए हैं। भारतीय प्रशासनिक सेवा की महिला अधिकारी ने अपने हस्ताक्षर के नीचे दिनांक 28 मार्च 2020 लिखा है।
आयुक्त के खिलाफ क्या होगी वैधानिक कार्रवाई?
भारत सरकार के मानव संसाधन मंत्रालय ने स्पष्ट नोटिफिकेशन जारी किया है कि भारत का कोई भी संस्थान चाहे वह सरकारी हो या प्राइवेट, लॉकडाउन के दौरान किसी भी कर्मचारी की सेवाएं समाप्त नहीं कर सकता। इस दौरान कर्मचारी को पूरा वेतन दिया जाएगा। फिर चाहे उसे वर्क एट होम दिया गया हो या नहीं। यदि कोई नियोक्ता अपने कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त करता है तो उसके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।