इप्का ‘Ipca’ लेबोरेटरी इन्दौर पुन: हुई शुरू, 7 हजार कर्मचारियों ने बंद कर दिया था फैक्ट्री आना
🔲 राज्य शासन की त्वरित कार्रवाई से फिर शुरू हुई दवा कम्पनी
🔲 कोरोना उपचार में खास दवाई का होता है निर्माण
हरमुद्दा
भोपाल/इंदौर, 31 मार्च। राज्य शासन की सजगता और त्वरित कार्रवाई से लॉकडाउन के कारण बंद होने के कगार पर पहुंचने वाली दवा निर्माण कंपनी इप्का (Ipca) लेबोरेटरी इन्दौर पुन: शुरू हो गई है लॉकडाउन के कारण यहाँ कार्यरत कर्मचारी फ़ैक्ट्री नहीं पहुँच पा रहे थे। कम्पनी में कार्यरत लगभग 7000 कर्मचारियों ने कर्फ़्यू और अन्य वजह से काम पर आना छोड़ दिया था।
मुख्य सचिव इक़बाल सिंह बैंस की जानकारी में यह तथ्य आने पर उन्होने संभागायुक्त इन्दौर आकाश त्रिपाठी को निर्देश दिए थे। संभागायुक्त ने फै़क्टरी प्रबंधन से चर्चा की और सभी बाधाएँ दूर करने का इंतज़ाम किया। उन्होंने इंदौर विकास प्राधिकरण की स्कीम नंबर 155 में स्थित मल्टी में कम्पनी के कर्मचारियों के लिये फ़्लैट्स उपलब्ध कराए हैं। फ़ैक्ट्री के कॉन्ट्रैक्ट वर्कर यहां हाइजीनिक वातावरण में सुरक्षित रहेंगे।
अटल सिटी ट्रांसपोर्ट बस का किया इंतजाम
फ़ैक्ट्री में दोपहिया वाहनों से शहर के विभिन्न स्थानों से आने-जाने वाले कर्मचारियों के लिए कलेक्टर मनीष सिंह के निर्देश पर अटल सिटी ट्रांसपोर्ट से बस का इंतज़ाम भी किया गया है। इन बसों को परमिट प्रदान किया गया है। कर्मचारियों के खाने-पीने की व्यवस्था वहीं पर की जा रही है। अब यह फ़ैक्ट्री पुनः शुरू हो गई है। अब देश एक महत्वपूर्ण दवा निर्माण के उपयोगी घटक से वंचित नहीं होगा।
कोरोना उपचार में महत्वपूर्ण दवाई का उत्पादन रुक जाता : फ़ैक्ट्री मैनेजर
फ़ैक्ट्री मैनेजर चंद्रसेन हिलाल का कहना है कि यदि इन्दौर का प्रशासन उनकी मदद नहीं करता, तो कोरोना के उपचार में उपयोग आने वाली एक महत्वपूर्ण दवा के निर्माण में गंभीर बाधा उत्पन्न हो जाती। उल्लेखनीय है कि यह फ़ैक्ट्री हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन नामक अत्यंत महत्वपूर्ण दवा के निर्माण के लिए उपयोग में आने वाले रॉ-मटेरियल के निर्माण करती है। भारत सरकार द्वारा इसे रॉ-मटेरियल के निर्माण के लिए अधिकृत किया गया है। यह रॉ-मटेरियल उस दवा को बनाने के काम आता है, जिससे अभी कोरोना रोग का उपचार किया जा रहा है।