मानवता के देवदूत को नमन, इनके बिना संकट में है जीवन
मानवता के देवदूत को नमन, इनके बिना संकट में है जीवन
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औरों के हित जो मरता है
औरों के हित जो जीता है
उसका हर आंसू रामायण
प्रत्येक कर्म गीता है।
वर्तमान में प्रशासन, पुलिस विभाग, स्वास्थ्य विभाग, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सारे लोग सेवा में लगे हुए है। जिनको जहां जैसा काम मिल रहा है, सेवा कर रहे हैं। इन सब को देख कर लगता है कि
“न जाने कब जिंदगी की शाम हो जाए
ढूंढता हूं ऐसा मौका मेरी जिंदगी किसी के काम आ जाए”
जो भी सेवा कर रहे हैं, वह मानवता के देवदूत हैं। उन सब को हमारी ओर से नमन है। निश्चित ही आज जो समय है, वह एक दूसरे की मदद का है। मदद कैसी भी हो कहीं से भी हो सकती है। जहां हम बैठे हैं, जहां हम खड़े हैं और जहां हम निवास करते हैं। वहां भी हम किसी के लिए देवता बनकर काम कर सकते हैं, जिसको जहां जैसी आवश्यकता हो, वैसे मदद करना भी किसी देवदूत से कम मदद नहीं है उस व्यक्ति के लिए।
किसी के मददगार बनकर दिल को बहलाया जा सकता है।
किसी के दर्द को अपना समझ कर सहलाया जा सकता है
किसी की मायूस जिंदगी में ताजगी भर कर जिंदगी
जीने का हक दिलाया
जा सकता है
आज आवश्यकता है ऐसे मानवता के देवदूतों की जो मानवता की सेवा कर सके और जो लोग सेवा में लगे हैं, उन मानवता के देवदूतों को नमन. नमन.. नमन…
प्यार बांटना जिसे जिंदगी में आ गया
उन्हीं को असल में इस धरा पर जीना आ गया
🔲 सम्मानित शिक्षक, शिवगढ जिला रतलाम