कोरोना वायरस : अपनी जान हथेली पर लेकर सीमित सुरक्षा कवच से जंग लड़ रहे हैं आयुष योद्धा रतलाम में
🔲 कोरोना वारियर्स साबित हो रही है आयुष चिकित्साधिकारी व पैरामेडिकल स्टाफ की टीम
🔲 जिला प्रशासन का नहीं है ध्यान
हरमुद्दा
रतलाम, 18 अप्रैल। कोरोना वायरस एक वैश्विक महामारी बन चुकी है। भारत भी इस संक्रामक बीमारी से अछूता नहीं रहा है। धीरे धीरे संक्रमित व्यक्तियों का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है। कोरोना वायरस से जंग में आयुष डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ डटा हुआ है। खास बात तो यह है कि आयुष दल हर मोर्चे पर कर्तव्यनिष्ठ है। सीमित संसाधन के बावजूद अपनी जान की परवाह किए बिना जनसेवा में तत्पर है। या यूं कहें कि बिना हथियार के योद्धा जंग लड़ रहे हैं। सीमित सुरक्षा संसाधनों के बावजूद वे ना नुकुर नहीं कर रहे हैं।
इस संक्रमण को रोकने के लिए सम्पूर्ण देश में जारी लॉक डाउन के बीच सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा है जिले कि आयुष चिकित्सक और पैरामेडिकल स्टाफ की टीम ने।
रीड की हड्डी की मानिंद भूमिका है आयुष दल की
कोरोना से जंग में आयुष विभाग के चिकित्सक और स्टाफ भी लड़ रहा हैं। इस जंग में आयुष विभाग के उन चिकित्सक और पैरामेडिकल स्टाफ की भूमिका भी बेहद अहम है, जो पहली कतार में खड़े होकर कोरोना के खिलाफ छिड़ी जंग लड़ रहे हैं। सही मायने में कहें तो आयुष विभाग के चिकित्सक और पैरामेडिकल स्टाफ की भूमिका महामारी से जंग में बिल्कुल वैसे ही है, जैसे एक शरीर में रीड़ की हड्डी की होती है। चिकित्सकों की पूरी एक टीम मरीजों की देखभाल कर रही है। सुबह हो या शाम, दिन हो या रात ये टीम डटी हुई है। कोरोना की जंग में शामिल होकर संक्रमण से लड़ने के लिए आयुष चिकित्सकों की सेवाएं नगरीय व ग्रामीण इलाकों में इलाज करने में सराहनीय भूमिका अदा की जा रही है।
जमीनी स्तर पर पूरा मोर्चा संभाले हुए आयुष दल
इस दौरान अलग-अलग परिवार का ब्योरा इकट्ठा करने और उसकी एंट्री की जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहे हैं। ये आयुष चिकित्सकों क्वारंटाइन केंद्रों, बैरियर ड्यूटी, रैपिड रिस्पांस टीम और इमरजेंसी ओपीडी में भी अपनी सेवाएं देते हैं। मुद्दे की बात तो यह है कि सीमित संसाधनों के साथ, अपने कार्य के प्रति पूरी तरह गंभीर यह टीम जमीनी स्तर पर पूरा मोर्चा संभाले हुए है। अपनी जान की परवाह किए बिना, शासन के निर्देशानुसार चाहे संक्रमित क्षेत्र का सर्वे हो, चाहे शहर की चेकपोस्ट पर बाहर से आने वाले व्यक्तियों का स्वास्थ्य परीक्षण करना हो या फिर एम.एम.यू. के माध्यम से शहर के रहवासियों को घर पहुँच स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराना हो, यह टीम पूरी निष्ठा और मुस्तैदी से देशहित में दिनरात अपनी सेवाएँ दे रही है और लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाने में लगी है
आरोग्य दूत करेंगे जिम्मेदारी का निर्वाह
कोरोना को लेकर आयुष मंत्रालय ने गाइडलाइन जारी की है। इस गाइडलाइन के तहत आयुर्वेद और होम्योपैथ के डॉक्टरों को मास्टर ट्रेनर के रूप में तैयार होंगे। यह आरोग्य दूत की जिम्मेदारी निभाएंगे। ये लोगों को जागरूक करने के साथ दवाओं के बारे में भी बताएंगे। किन-किन औषधियों और जड़ी बूटियों से वायरस को मात दिया जा सकता है। वह ऐसी जड़ी बूटियों की तलाश भी करेंगे, जिससे कोरोना के खिलाफ चल रही लड़ाई को मदद मिल सके। इस काम में ऐसे एक्सपर्ट लोगों को लगाया जा रहा है, जो पूर्व में औषधि और उसके प्रयोग को लेकर अच्छा काम कर चुके हैं।
यह है रतलाम जिले आयुष चिकित्सक और पैरामेडिकल स्टाफ की टीम
🔲 रतलाम शहर में
डॉ. बलराज चौहान, डॉ. आशीष राठौर, डॉ. इंतेखाब मंसूरी, डॉ. प्रीति मईडा, डॉ. संगीता सोलंकी।
🔲 रतलाम ग्रामीण
डॉ. रमेश कटारा, डॉ. नेवालाल भुगवाड़े ,डॉ. अंकित विजियावत, डॉ. रंजीता सिंगार, डॉ. रवि कलाल, डॉ. वर्षा राठौर, डॉ. रागिनी शर्मा।
🔲 पैरामेडिकल टीम में
कैलाश यादव, अनिल मेहता, हिम्मतलाल अकोदिया, ज्योति पाटिल, अशोक शर्मा शिकारिया ब्राह्मणे।
घर बैठे बढ़ानी है रोग प्रतिरोधक क्षमता तो करें उपाय रोज
राष्ट्र के नाम संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना से लड़ने के लिए सात मंत्र दिए। जिनमें एक मंत्र इम्यूनिटी यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का भी है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अपनी इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए आयुष मंत्रालय द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें, गर्म पानी और काढ़ा का निरंतर सेवन करें। तो आइए जानते हैं कुछ घरेलू चीजों के बारे में जिनसे इम्यूनिटी बढ़ाई जा सकती है।
🔲 सुबह 10 ग्राम यानी एक चम्मच च्यवनप्राश का सेवन करें। यदि आपको मधुमेह है तो शुगर फ्री च्यवनप्राश का सेवन करें।
🔲गर्म दूध में हल्दी पाउडर मिलाकर दिन में एक या दो बार पीएं।
🔲 तुलसी, दालचीनी, काली मिर्च, सूखी अदरक और मुनक्का से बनी हर्बल चाय/काढ़ा दिन में एक या दो बार पीएं।