गाइड लाइन का सख्ती से पालन करें, नहीं तो कलेक्टर जिम्मेदार होंगे, मीडिया को अपना माने पार्टनर : मुख्यमंत्री
🔲 मुख्यमंत्री ने वी.सी. के माध्यम जिलों से की कोरोना संबंधी समीक्षा
🔲 मजदूरों को कार्य मिले, कोई भूखा न सोए
🔲 संक्रमण की कीमत पर कोई कार्य नहीं
हरमुद्दा
भोपाल, 18 अप्रैल। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा है कि भारत सरकार द्वारा गाइड लाइन जारी कर संक्रमित क्षेत्रों को छोड़कर अन्य क्षेत्रों में कुछ आर्थिक गतिविधियों को 20 अप्रैल से किए जाने की छूट दी गई है। सभी कलेक्टर इन गाइड लाइन्स का अच्छी तरह अध्ययन कर लें तथा इनका सख्ती से पालन करते हुए अपने जिले की परिस्थिति अनुसार इन गतिविधियों को प्रारंभ करवाएं। प्रदेश में कहीं भी कोरोना संक्रमण की कीमत पर कोई भी कार्य नहीं होना चाहिए। इसमें कोई भी ढिलाई अक्षम्य है। कलेक्टर इसके लिए स्वयं जिम्मेदार होंगे। हमारा उद्देश्य है रोजी-रोटी के लिए लोगों को कार्य मिले तथा कोई भी प्रदेश में भूखा न सोए। लॉकडाउन एवं सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा पालन सुनिश्चित किया जाए।
मुख्यमंत्री ने मंत्रालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलों के साथ कोरोना संबंधी स्थिति एवं व्यवस्थाओं, रबी उपार्जन आदि की की समीक्षा कर रहे थे।
यह थे मौजूद
इस अवसर पर मुख्य सचिव इकबालसिंह बैंस, डीजीपी विवेक जौहरी, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान, सचिव जनसंपर्क पी. नरहरि आदि उपस्थित थे। रतलाम के एनआईसी कक्ष में कलेक्टर रुचिका चौहान, एसपी गौरव तिवारी, सीईओ संदीप केरकेट्टा मौजूद थे।
मनरेगा के कराएं कार्य 20 से
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि ग्रामीण क्षेत्रों में मजदूरों को रोजगार प्रदान करने के लिए 20 अप्रैल से मनरेगा के कार्य करवाए जाएं। भारत की गाइड लाइन अनुसार ये कार्य कराए जाएं। जिन मजदूरों के पास मनरेगा कार्ड नहीं है, उनके बनवाए जाएं। बताया गया कि मनरेगा के अंतर्गत प्रतिदिन मजदूरी की दर गत वर्ष 176 रूपए थी, जिसे बढ़ाकर इस वर्ष 194 रूपए प्रति श्रमिक कर दिया गया है।
औद्योगिक गतिविधियां हों नियंत्रित रूप से
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में आवश्यक वस्तुओं से संबंधित उद्योगों की नियंत्रित रूप से गतिविधियां गाइड लाइन अनुसार 20 अप्रैल से प्रारंभ की जानी हैं। इसके लिए सभी कलेक्टर एवं संभाग आयुक्त अपने क्षेत्रों के उद्योग संचालकों से बात कर सुनिश्चित कर लें कि पूरी सोशल डिस्टेंसिंग एवं सभी सुरक्षात्मक उपायों के साथ उद्योग प्रारंभ हों। यथासंभव उनमें लगे मजदूरों की कार्यस्थल पर ही रहने की व्यवस्था की जाए। निर्देशों का उल्लंघन होने पर संबंधित उद्यम /कंपनी बंद कर दी जाएगी।
जिला आपदा प्रबंधन समूह में लें निर्णय
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जिलों में जिला आपदा प्रबंधन समूह की बैठकें नियमित रूप से हों। इन बैठकों में जिले की स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार निर्णय लिया जाए कि गाइडलाइन में दिए गए कार्यों में से किन कार्यों को जिले में प्रारंभ कराया जाए, जिनसे संक्रमण फैलने का बिल्कुल खतरा न हो। जिलों में कार्यपालक दंडाधिकारियों को ‘इंसिडेंट कमांडर’ के रूप में अधिसूचित करें। हर जिले की आपदा प्रबंधन योजना हो। कोरोना में लगे अमले को विश्राम दिया जाए तथा सैकण्ड लाइन को कार्य में लगाया जाए।
कोरोना को जिले में न घुसने दें
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन जिलों में अभी तक कोरोना संक्रमण नहीं हैं, वहां कलेक्टर सुनिश्चित करें कि उनके जिलों में कोरोना घुसे नहीं। ऐसा कोई भी कार्य ना हो, जिससे संक्रमण उनके जिले में आए।
सभी उचित मूल्य दुकानें खुलें
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि संक्रमित क्षेत्रों को छोड़कर शेष क्षेत्रों में सभी उचित मूल्य दुकान खुलें। किराना दुकानों को भी अधिकतम समय खोला जाए। कालाबाजारी किसी भी स्थिति में सहन नहीं होगी तथा इसके लिए कलेक्टर स्वयं जिम्मेदार होंगे। बाहर के मजदूरों के लिए भोजन, आवास की व्यवस्था अपने जिलों में कलेक्टर सुनिश्चित करें।
जनप्रतिनिधियों एवं मीडिया का सक्रिय सहयोग
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सभी कलेक्टर अपने जिलों में जनप्रतिनिधियों, मीडिया, स्वयंसेवी, संगठनों तथा समाज के हर वर्ग का पूरा सहयोग कोरोना के विरुद्ध लड़ाई में लें। मीडिया को अपना पार्टनर मानें। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संबंधी कार्य अथवा अन्य जनकल्याण के कार्य में पैसे की कमी नहीं आने दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने ग्रीष्म ऋतु के मद्देनजर पेयजल व्यवस्था सुनिश्चित करने, 25 अप्रैल से चालू होने वाली तेंदूपत्ता तुड़ाई की व्यवस्था करने, कॉल सेंटर्स का समुचित संचालन तथा समस्याओं का त्वरित निराकरण करने आदि के निर्देश कलेक्टर्स को दिए।