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उठते ही जिम्मेदारी का बीड़ा उठाएं निकल जाते कोरोना योद्धा ग्रामीण एसडीएम

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हरमुद्दा
रतलाम, 27 अप्रैल। जब से कोरोना वायरस का संकट आया है, तब से रतलाम जिला प्रशासन के कोरोना योद्धा दिन-रात अपने फर्ज को अंजाम देने में जुटे हुए हैं। रतलाम ग्रामीण क्षेत्र के एसडीएम प्रवीण फुलपगारे भी एक ऐसे कोरोना योद्धा है जो सुबह उठते ही अपनी जिम्मेदारी का बीड़ा उठाएं अपने क्षेत्र के लिए निकल जाते हैं।

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श्री फुलपगारे का कहना है कि रात को सोते समय भी दिमाग में यही रहता है कि सुबह उठकर क्या-क्या काम प्राथमिकता से करना है और सुबह उठते ही अपनी जिम्मेदारी का मंथन मस्तिष्क में आरंभ हो जाता है।

जुट जाते हैं टीम के साथ

फिर सुबह चाय लेने के पश्चात अपने रतलाम ग्रामीण क्षेत्र में जिम्मेदारी के निर्वहन में टीम के साथ जूट जाते हैं। सुबह 6 बजे से पहले उठते हैं, हल्का व्यायाम और फिर 8 बजे के आसपास रतलाम ग्रामीण क्षेत्र के लिए रवाना, चेक पोस्ट निरीक्षण, गांव का भ्रमण कर व्यवस्थाएं देखते हैं। लॉक डाउन का पालन करवाना भी सर्वोच्च प्राथमिकता में सम्मिलित है। ग्रामीण क्षेत्र का एसडीएम स्तरीय कंट्रोल रूम निरीक्षण भी प्रतिदिन की प्राथमिकता में सम्मिलित है। कंट्रोल रूम से रतलाम ग्रामीण क्षेत्र के 90 से ज्यादा गांव में व्यवस्थाओं का जायजा लेते रहना पड़ता है। क्वारेंटाइन किए गए लोगों के हाल-चाल भी जानना पड़ते हैं। रत्नागिरी और शिवपुर के दो हॉस्टलों में लोगों को क्वॉरेंटाइन किया गया है, ऐसे 22 व्यक्ति हैं जो बाहर के स्थानों से आए हैं।

फुर्सत मिलती है तो होता है भोजन वरना रात को घर पर

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दिन भर में कोरोना वायरस प्लान के तहत बस दौड़ते रहना पड़ता है। कभी सीमा से लगे गांवों का निरीक्षण तो कभी अंदरूनी गांव का दौरा करके हालातों का जायजा लेते रहना प्रतिदिन के कार्यों में शुमार हो गया है। दिनभर कोरोना एक्शन प्लान कार्रवाई के बीच अगर मौका मिलता है तो साथ लाए टिफिन से भोजन कर लेते हैं अन्यथा वही देर रात्रि घर पहुंच कर खाना मिलता है। रोजाना रात 8 से 10 के आसपास घर आते हैं, इस दौरान टोल नाकों से प्रवेश संबंधी फोन लगातार आते रहते हैं उनका निराकरण भी करना होता है। यह काल रात को किसी भी समय आ जाते हैं तो निराकरण अनिवार्य रूप से किया जाता है। ग्रामीण क्षेत्र की संपूर्ण टीम जिसमें तहसीलदार, पटवारी, सचिव, जीआरएस, सहायिका, आशा कार्यकर्ता, पुलिस बल इत्यादि की स्क्रीनिंग और स्वास्थ्य जांच भी करवाई है ताकि फ्रंटलाइन के लोग स्वस्थ रहकर मुस्तैदी से कार्य कर सकें। राजस्व टीम को किट उपलब्ध कराए गए हैं जिसमें मास्क, सैनिटाइजर, विटामिन सी, मल्टी विटामिन टेबलेट, ओआर एस शामिल है ताकि अमला प्रभावित नहीं हो। इसके साथ ही रतलाम ग्रामीण क्षेत्र में लगातार सफाई, कीटनाशक छिड़काव, सैनिटाइजेशन भी करवाते रहकर रिपोर्ट से अवगत रहना पड़ता है।

फिलहाल है 468 व्यक्ति क्वारेंटाइन

श्री फूलपगारे ने बताया कि रतलाम ग्रामीण क्षेत्रों में लॉक डाउन के दौरान अन्य स्थानों से 93 ग्रामों में व्यक्ति आए हैं, इनकी संख्या 2000 से अधिक है। अभी तक 1746 व्यक्तियों ने क्वारेंटाइन अवधि पूरी की है। अभी 468 व्यक्ति बचे हैं जो क्वारेंटाइन हैं।

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